विदेश की खबरें | आतंकी गतिविधियों के लिए अपनी डिजिटल विशेषज्ञता का लाभ उठा रहे हैं कुछ देश : भारत

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. भारत ने आतंकवादी समूहों द्वारा लोगों को कट्टरपंथी बनाने और हिंसा भड़काने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग पर रोक लगाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा है कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद के समकालीन रूपों में शामिल होने के लिए डिजिटल क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठा रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र, 24 मई भारत ने आतंकवादी समूहों द्वारा लोगों को कट्टरपंथी बनाने और हिंसा भड़काने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग पर रोक लगाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा है कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद के समकालीन रूपों में शामिल होने के लिए डिजिटल क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठा रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी. एस. तिरुमूर्ति ने सोमवार को “अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने में डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उपयोग” पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग में कहा कि आतंकवादी समूहों द्वारा अपनी विचारधाराओं का प्रसार करने, लोगों को कट्टरपंथी बनाने, हिंसा भड़काने और आतंकियों की भर्ती के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग को रोकने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि युवाओं की बढ़ती ऑनलाइन सक्रियता का लाभ उठाकर आतंकवादी इस काम को अंजाम दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ऑनलाइन दुनिया की व्यापक पहुंच ने आतंकवादी समूहों को भारत जैसे बहुलवादी लोकतांत्रिक समाजों के खुलेपन का लाभ उठाने के लिए सामाजिक विभाजन एवं सांप्रदायिक घृणा को बढ़ावा देने तथा सरकारों और राज्य संस्थानों को अस्थिर करने के उद्देश्य से अलोकतांत्रिक आंदोलनों और कट्टरपंथी विचारधाराओं का समर्थन करने में मदद दी है।

उन्होंने कहा, “आतंकवादी समूह नेटवर्क बनाने, नए सदस्यों की भर्ती करने, हथियार खरीदने और साजोसामान संबंधी मदद हासिल करने के लिए ऑनलाइन उपकरणों का फायदा उठा रहे हैं। इन समूहों द्वारा उपयोग की जाने वाली डिजिटल संचार विधियां संगठित और परिष्कृत हैं।”

उन्होंने कहा, “वे प्रचार प्रसार और हिंसा भड़काने के लिए गेमिंग चैट रूम, डार्क वेब और अन्य प्रतिबंधित साइटों और अनियमित ऑनलाइन स्थानों का उपयोग करने में माहिर हो गए हैं। प्रचार और प्रभाव को अधिकतम करने के लिए आतंकवादियों द्वारा प्रमुख प्लेटफार्मों पर अपने हमलों की ‘लाइव-स्ट्रीमिंग’ करने के उदाहरण भी सामने आए हैं।”

उन्होंने कहा कि नई वित्तीय प्रौद्योगिकियों जैसे भुगतान के नए तरीकों, डिजिटल मुद्रा, ऑनलाइन चंदा एकत्र करने के तरीकों आदि के सामने आने के बाद आतंकवादियों को निगरानी में आए बगैर धन जुटाने के मौके मिल गए हैं।

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