विदेश की खबरें | अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के मामूली संकेत, लेकिन सुधार अब भी मुश्किल: विश्व बैंक

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. वित्तीय संस्था ने बुधवार देर रात दी अद्यतन जानकारी में बताया, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 2.7 प्रतिशत की मामूली वृद्धि निजी खपत की वजह से है। आंशिक सुधार खाद्य कीमतों में गिरावट के साथ धीरे-धीरे घरेलू कल्याण में सुधार करने में मदद करता है।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

वित्तीय संस्था ने बुधवार देर रात दी अद्यतन जानकारी में बताया, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की 2.7 प्रतिशत की मामूली वृद्धि निजी खपत की वजह से है। आंशिक सुधार खाद्य कीमतों में गिरावट के साथ धीरे-धीरे घरेलू कल्याण में सुधार करने में मदद करता है।

अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने से पहले काफी हद तक विदेशी सहायता पर निर्भर थी और भ्रष्टाचार व्याप्त था। तालिबान के सत्ता की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद अर्थव्यवस्था चरमरा गई क्योंकि अरबों डॉलर के अंतरराष्ट्रीय कोष ‘फ्रीज’ हो गए। बड़ी संख्या में कौशल वाले अफगानिस्तान के नागरिक देश छोड़कर भाग गए और अपना पैसा अपने साथ ले गए।

अफगानिस्तान के लिए विश्व बैंक के ‘कंट्री डायरेक्टर’ फारिस हदाद-जर्वोस ने कहा कि दीर्घकालिक वृद्धि संभावनाओं के लिए घरेलू निजी क्षेत्र की पर्याप्त क्षमता का दोहन करना और समग्र कारोबारी माहौल में सुधार करना आवश्यक है।

हदाद-जर्वोस ने कहा, ‘‘ इसके लिए निवेश बढ़ाना, छोटे व्यवसायों को वित्त तक पहुंच प्रदान करना और शिक्षित तथा कुशल महिला उद्यमियों को समर्थन देना जरूरी है, ताकि उनके व्यवसाय फल-फूल सकें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इसके बिना देश में लंबे समय तक स्थिरता का जोखिम बना रहेगा और सतत विकास की संभावनाएं सीमित रहेंगी।’’

तालिबान के शैक्षणिक संस्थानों को महिलाओं तथा लड़कियों को चिकित्सकीय प्रशिक्षण देना बंद करने का आदेश देने संबंधी मीडिया खबरों के कुछ दिन बाद विश्व बैंक की यह रिपोर्ट आई है।

हालांकि तालिबान ने न तो आदेश की पुष्टि की है और न ही खबरों पर कोई प्रतिक्रिया दी है।

संयुक्त राष्ट्र की बच्चों के लिए काम करने वाली एजेंसी यूनिसेफ की प्रमुख ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह कथित प्रतिबंधों से बहुत चिंतित हैं।

यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने कहा कि यूनिसेफ इन भिन्न-भिन्न विवरणों की सत्यता का पता लगा रहा है तथा इस मुद्दे के समाधान के लिए प्रयासों का स्वागत करता है। यदि इस प्रतिबंध की पुष्टि हो जाती है, तो हजारों महिलाओं की चिकित्सा शिक्षा तत्काल रुक जाएगी। महिलाओं तथा लड़कियों की स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच खतरे में पड़ जाएगी।

उन्होंने आगाह करते हुए कहा, ‘‘ इससे न केवल महिलाओं की समाज में योगदान देने और आय अर्जित करने की क्षमता सीमित हो जाएगी, बल्कि अफगानिस्तान की आबादी के स्वास्थ्य पर भी इसके दूरगामी परिणाम होंगे। लोगों का जीवन भी खतरे में आ जाएगा।’’

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