देश की खबरें | जम्मू-कश्मीर में स्थिति शांतिपूर्ण, लेकिन सैनिकों की संख्या कम करने की अनुशंसा नहीं : सैन्य कमांडर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि कश्मीर एक नयी शुरुआत के मुहाने पर है, क्योंकि घाटी में सुरक्षा स्थिति ‘शांतिपूर्ण और स्थिर’ है, लेकिन इस समय सुरक्षा बलों की संख्या कम करने की सिफारिश नहीं की जा रही है।
श्रीनगर, तीन अक्टूबर सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि कश्मीर एक नयी शुरुआत के मुहाने पर है, क्योंकि घाटी में सुरक्षा स्थिति ‘शांतिपूर्ण और स्थिर’ है, लेकिन इस समय सुरक्षा बलों की संख्या कम करने की सिफारिश नहीं की जा रही है।
सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कश्मीर के लिए यह एक अच्छा साल रहा है और इस शांति को बनाए रखना सुरक्षा बलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। वह सेना की सबसे विशिष्ट संरचनाओं में से एक की कमान छोड़ रहे हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल घई को अगला महानिदेशक, सैन्य अभियान (डीजीएमओ) नियुक्त किया गया है।
उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि कश्मीर घाटी में स्थिति शांतिपूर्ण और स्थिर है और पिछले 16 महीनों से जब से मैं चिनार कोर का प्रमुख हूं, इसने हमारी सीमाओं की रक्षा करने, दुश्मन तत्वों द्वारा घुसपैठ के कई प्रयासों को विफल करने और साथ ही साथ कश्मीर घाटी में एक बहुत मजबूत और सफल आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए बहादुरी से काम किया है।”
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में यहां कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं और क्षेत्र में काफी विकास हुआ।
उन्होंने कहा, “चिनार कोर और इसकी सहयोगी एजेंसियों जैसे जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीएपीएफ और कई अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किए गए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रयासों से स्थिर सुरक्षा स्थिति उत्पन्न हुई है।”
उन्होंने कहा, “आज, जब मैं यहां से जाने वाला हूं, मुझे एहसास हो रहा है कि यह क्षेत्र नयी शुरुआत के मुहाने पर खड़ा है।” वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने आगे कहा कि आज आतंकवाद को “बड़े पैमाने पर सीमा पार से बढ़ावा मिल रहा है”।
सैन्य अधिकारी ने कहा, “पिछले डेढ़ साल में हमारे यहां (आतंकवादियों की) कोई सक्रिय भर्ती नहीं हुई है। पिछले साल यह संख्या घटकर एक दर्जन रह गई थी। इस साल यह लगभग शून्य है।”
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा, “अगर आप इस साल घाटी में हुई चार-पांच घटनाओं पर नजर डालें तो पाएंगे कि कमजोर लक्ष्य चुने गए हैं, जहां किसी व्यक्ति के लिए पिस्तौल या छोटे हथियार लेकर ऐसी नृशंसता को अंजाम देना आसान है। लेकिन इनकी संख्या लगभग नगण्य है।”
जीओसी ने कहा कि अब सुरक्षा बलों के लिए चुनौती इस स्थिति को बनाए रखना है।
उन्होंने कहा, “कश्मीर के लिए यह साल अच्छा रहा, जैसा कि पिछले साल रहा था, और हमें कुछ और अच्छे सालों की जरूरत है... ताकि शांति स्थायी और टिकाऊ हो सके और मुझे लगता है कि सुरक्षा बलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती स्थिति को आज की तरह बनाए रखना है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या ‘शांतिपूर्ण’ स्थिति के कारण घाटी में सैनिकों की संख्या कम करने की कोई संभावना है, अधिकारी ने कहा कि इस स्तर पर इसकी अनुशंसा नहीं की जाती है।
उन्होंने कहा, “हमें 2022-24 जैसे कुछ और अच्छे वर्षों की आवश्यकता है। इस शांति को स्थायी और टिकाऊ बनाने के लिए, हमें कुछ और वर्षों तक इस प्रक्रिया से गुजरना होगा।”
उन्होंने कहा, “इसलिए, चाहे वह घुसपैठ रोधी ग्रिड हो या आतंकवाद रोधी ग्रिड, इसे बनाए रखना होगा और सतत बनाए रखना होगा, क्योंकि हम संभवतः स्थिति को दृढ़ करने के चरण में हैं और ग्रिड को कमजोर करने की अनुशंसा नहीं की जाती है।”
उन्होंने कहा, “मैं निश्चित रूप से इस समय इसका समर्थक नहीं हूं।”
घाटी में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि लगभग 80 आतंकवादी हैं।
उन्होंने कहा, “यह कई वर्षों में सबसे कम संख्या है। जब मैं पिछले साल यहां आया था, तो हम 100 से अधिक की संख्या देख रहे थे। यह आंकड़ा कम हो गया है।”
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