देश की खबरें | नागा संन्यासियों के श्री तपोनिधि आनंद अखाड़े ने किया छावनी प्रवेश

महाकुम्भ नगर, छह जनवरी भगवान सूर्य को अपना इष्टदेव मानने वाले श्री तपोनिधि आनंद अखाड़े ने सोमवार को परंपरा अनुसार महाकुम्भ में छावनी प्रवेश किया।

हाथी, घोड़े, रथ और ऊंट पर सवार नागा संन्यासियों, आचार्य महामंडलेश्वर व महामंडलेश्वरों ने बाजे-गाजे के साथ मेला क्षेत्र में प्रवेश किया।

छावनी प्रवेश यात्रा में साधु-संन्यासियों का नगर और मेला प्रशासन ने माल्यार्पण और पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। वहीं, प्रयागराज वासियों ने भी नागा संन्यासियों का दुर्लभ दर्शन किया।

शैव परंपरा के श्री तपोनिधि आनंद अखाड़े के एक संत ने बताया कि यह छावनी प्रवेश यात्रा मठ बाघम्बरी गद्दी से निकली और मटियारा रोड, अलोपी देवी चौराहा होते हुए दारागंज के दशाश्वमेध घाट से मुड़कर संगम क्षेत्र में प्रवेश कर गई।

उन्होंने बताया कि आनंद अखाड़े की भव्य शोभा यात्रा में बाजे-गाजे के साथ सबसे आगे धर्म ध्वजा थी और इसके पीछे धर्म के रक्षक नागा संन्यासियों की टोली हाथों में भाले, बरछी व तलवार के साथ इष्टदेव भगवान सूर्य का विग्रह लेकर चल रही थी।

आनंद अखाड़े के अध्यक्ष शंकरानंद गिरि और आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि के मार्गदर्शन में इस छावनी प्रवेश यात्रा में महामंडलेश्वर सुरेन्द्रानंद गिरि, सचिव बरेली के कालू गिरि महाराज के साथ ही महिला महामंडलेश्वर साध्वी मंजू और अन्य साधु-सन्यासी सम्मिलित हुए और उन्होंने नगर वासियों को आशीर्वाद देते हुए मेला क्षेत्र में प्रवेश किया।

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