नागपुर, 21 दिसंबर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के तहत स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों के हर स्तर पर मानव संसाधन की कमी और बुनियादी ढांचे पर अत्यधिक बोझ को लेकर चिंता जताई है।
कैग ने कहा कि बड़ी आबादी को पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए मजबूत स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे और सेवाओं की आवश्यकता होती है। वर्ष 2023-2024 के लिए यह रिपोर्ट शनिवार को विधानसभा में पेश की गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों, नर्सों और पैरामेडिकल कर्मियों की क्रमशः 22 प्रतिशत, 35 प्रतिशत और 29 प्रतिशत कमी है, जबकि विशेषज्ञ डॉक्टरों के कैडर में यह कमी 42 प्रतिशत है।
कैग ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा एवं औषधि विभाग में डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल कर्मियों की कुल कमी क्रमशः 27 प्रतिशत, 35 प्रतिशत और 31 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा एवं औषधि विभाग के अंतर्गत आने वाले ‘ट्रॉमा केयर सेंटर’ में क्रमशः 23 प्रतिशत और 44 प्रतिशत रिक्तियां हैं।
कैग ने कहा कि आयुष कॉलेजों और अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल कर्मियों के क्रमशः 21 प्रतिशत, 57 प्रतिशत और 55 प्रतिशत पद रिक्त हैं।
रिपोर्ट में सरकार से कहा गया है कि वह लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में रिक्तियों को समयबद्ध तरीके से भरे।
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