मुंबई, छह फरवरी घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार को आईटी, धातु और बिजली शेयरों में भारी बिकवाली से गिरावट रही। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की पूंजी निकासी जारी रहने और नीतिगत दर में वृद्धि की आशंका के बीच वैश्विक शेयर बाजारों में कमजोर रुख के साथ बीएसई सेंसेक्स 335 अंक टूट गया।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स में पांच दिन से जारी तेजी पर विराम लगा और यह 334.98 अंक यानी 0.55 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,506.90 अंक पर बंद हुआ। एक समय यह 500 अंक से भी अधिक लुढ़क गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का पचास शेयरों पर आधारित सूचकांक निफ्टी भी 89.45 अंक यानी 0.50 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,764.60 अंक पर बंद हुआ।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिका में रोजगार बढ़ने का आंकड़ा आने से आशंका बढ़ी है कि फेडरल रिजर्व नीतिगत दर बढ़ाएगा क्योंकि उसके पास कड़ी मौद्रिक नीति को लेकर गुंजाइश बनेगी। इस वजह से वैश्विक बाजारों में गिरावट रही। यह वैश्विक बाजारों में हाल की तेजी के उलट है। पहले उम्मीद की जा रही थी कि अर्थव्यवस्था अब मौद्रिक नीति कड़ा किये जाने के अंतिम चरण में है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई की बुधवार को पेश होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा से भविष्य के कदम का पता चलेगा। ऐसी संभावना है कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करेगा।’’
सेंसेक्स के शेयरों में टाटा स्टील सबसे ज्यादा 2.08 प्रतिशत नुकसान में रहा। उसके बाद कोटक बैंक, इन्फोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट और टाटा मोटर्स का स्थान रहा।
दूसरी तरफ इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, पावर ग्रिड और आईटीसी प्रमुख रूप से लाभ में रहे।
इस बीच अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला जारी है। अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनमिक जोन बस इसका अपवाद रही और उसके शेयर 9.46 प्रतिशत चढ़ गए। समूह ने गिरवी रखे शेयरों को छुड़ाने के लिये 111.4 करोड़ डॉलर का समय-पूर्व भुगतान करने की घोषणा की जिसके बाद शेयर चढ़ गया।
समय-पूर्व भुगतान के जरिये छुड़ाए जाने वाले शेयर अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल एकोनॉमिक जोन, अडाणी ग्रीन एनर्जी और अडाणी ट्रांसमिशन के हैं।
हालांकि अडाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज पांच प्रतिशत, अडाणी ट्रांसमिशन 10 प्रतिशत, अडाणी टोटल गैस पांच प्रतिशत और अडाणी ग्रीन पांच प्रतिशत के नुकसान में रहीं।
कोटक सिक्योरिटीज लि. के इक्विटी शोध प्रमुख (खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘पिछले सप्ताह से ही कारोबारी धारणा कमजोर बनी हुई है। आज की गिरावट का कारण एशिया के अन्य बाजारों में कमजोर रुख तथा आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले निवेशकों का सतर्क रुख है। लगता है कि रुपये के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से धातु, बिजली और कुछ बैंक शेयरों में बिकवाली आई।’’
व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.75 प्रतिशत की बढ़त में रहा जबकि स्मालकैप सूचकांक 0.49 प्रतिशत चढ़ गया।
एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि जापान का निक्की तथा दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को नुकसान में रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.09 प्रतिशत चढ़कर 80.01 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 932.44 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)