नयी दिल्ली, 16 जनवरी भारत के लक्ष्य सेन रविवार को यहां पुरुष एकल फाइनल में सिंगापुर के मौजूदा विश्व चैंपियन लोह कीन यू पर सीधे गेम में शानदार जीत के साथ योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन बैडमिंटन के विजेता बने।
यह 20 साल के इस भारतीय खिलाड़ी का सुपर 500 स्तर के प्रतियोगिता का पहला खिताब है।
इससे पहले सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष युगल जोड़ी इंडोनेशिया के तीन बार के विश्व चैंपियन मोहम्मद अहसान और हेंड्रा सेतियावान की जोड़ी पर सीधे गेम में शानदार जीत दर्ज करते हुए इंडिया ओपन जीतने वाली देश की पहली जोड़ी बनी।
पिछले महीने स्पेन में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले सेन ने 54 मिनट तक चले फाइनल मुकाबले में पांचवीं वरीयता प्राप्त शटलर को 24-22, 21-17 को हराया।
विश्व रैंकिंग में 10वें स्थान पर काबिज इस भारतीय जोड़ी ने मजबूत मानसिकता और जज्बा दिखाते हुए शीर्ष वरीयता प्राप्त इंडोनेशिया की जोड़ी को 43 मिनट में 21-16 26-24 से हराकर नये सत्र की शानदार शुरुआत की।
सेन और लोह के बीच इस मैच से पहले चार मुकाबलों में लक्ष्य ने दो मैच जीते थे। पिछले साल डच ओपन के फाइनल में हालांकि पांचवीं वरीयता प्राप्त लोह ने बाजी मारी थी।
डच ओपन के फाइनल से सीख लेते हुए इस बार लक्ष्य ने ज्यादा गलती नहीं की और शानदार खेल दिखाते हुए खिताब अपने नाम किया।
यह सेन के करियर का सबसे बड़ा खिताब है। उन्होंने 2019 में डच ओपन और सारलोरलक्स ओपन के रूप में दो सुपर 100 खिताब जीते है। इसी साल बेल्जियम, स्कॉटलैंड और बांग्लादेश में तीन इंटरनेशनल चैम्पियन का खिताब भी उन्होंने जीता है। इसके बाद कोविड-19 के प्रकोप ने उनकी प्रगति को रोक दी थी।
सात्विक और चिराग इस मैच से पहले इंडोनेशिया की इस जोड़ी के खिलाफ चार मुकाबलों में सिर्फ एक जीत दर्ज कर सके थे।
कोविड-19 जांच में गलत पॉजिटिव नतीजे के कारण टूर्नामेंट से बाहर होने के खतरे का सामना करने के बाद इस जोड़ी ने खिताब जीतकर मजबूत मानसिकता का परिचय दिया है।
इस जीत से वे व्यस्त सत्र से पहले महत्वपूर्ण रैंकिंग अंक हासिल करने में सफल रहे। यह रैंकिंग अंक राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों जैसे आयोजन के लिए क्वालीफाई करने के लिए अहम होंगे।
भारतीय जोड़ी ने मैच की सकारात्मक शुरुआत की लेकिन इंडोनेशिया की जोड़ी ने शानदार वापसी की। पहले ब्रेक के पास भारतीय जोड़ी के पास दो अंकों की बढ़त थी। उन्होंने इसके बाद अपनी बढ़त को 18-13 किया और फिर शुरुआती गेम अपने नाम कर लिया।
दूसरे गेम में अहसन और सेतियावान ने 9-6 की बढ़त बना ली लेकिन ब्रेक के समय भारतीय जोड़ी ने 11-10 की बढ़त हासिल कर ली। सात्विक और चिराग ने अपनी बढ़त को 15-13 कर लिया।
विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज जोड़ी ने इसके बाद स्कोर को 17-17 और 19-19 से बराबर किया।
इसके बाद दोनों जोड़िया लगातार अंक जुटाने में कामयाब रही। कड़े मुकाबले के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने मजबूत मानसिकता दिखायी और जीत दर्ज करने में सफल रहे।
दोनों की जोड़ी 2019 में थाईलैंड ओपन में जीत दर्ज करने के साथ फ्रेंच ओपन सुपर 750 (2019) के फाइनल में पहुंची थी।
दोनों ने 2018 में हैदराबाद ओपन सुपर 100 टूर्नामेंट में जीत दर्ज की थी। इस जोड़ी ने सैयद मोदी इंटरनेशनल में उपविजेता रहने के अलावा गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक अपने नाम किया था।
भारतीय जोड़ी ने पिछले साल तोक्यो ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई किया था, लेकिन तीन में से दो मुकाबले जीतने के बावजूद वे ग्रुप चरण को पार नहीं कर पाए थे।
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