नयी दिल्ली, 28 दिसंबर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की एकबारगी समाधान योजना बृहस्पतिवार यानी 31 दिसंबर, 2020 को समाप्त हो रही है। यह योजना उन इकाइयों के लिए है जिन्होंने 2014 और 2015 के दौरान बीएसई के शेयर विकल्प खंड में सौदों को पलटा था।
यह योजना समाप्त होने के बाद जिन इकाइयों ने एकबारगी निपटान के अवसर का लाभ नहीं उठाया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
एकबारगी समाधान की शुरुआत एक अगस्त को हुई थी। पहले इस योजना को 31 अक्टूबर को बंद होना था लेकिन कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया।
इस योजना के तहत बीएसई के शेयर विकल्प खंड में एक अप्रैल, 2014 से 30 सितंबर, 2015 के दौरान सौदों को पलटने वाली इकाइयां, जिनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई लंबित है, एकबारगी समाधान का लाभ उठा सकती हैं।
समाधान का मूल्य निकालने के लिए नियामक ने तीन मानक तय किए हैं। ये हैं... कृत्रिम सौदों की मात्रा, अनुचित सौदों की संख्या और कृत्रिम मात्रा के सृजन की वजह बने अनुबंधों की संख्या।
इसके अलावा जिन मामलों में इकाइयों ने सौदों को पलटा है, उनमें सांकेतिक समाधान मूल्य निकालने के लिए एक समान एकीकृत निपटान व्यवस्था लागू होगी।
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