जरुरी जानकारी | एसईए का सरकार से जिंस वायदा कारोबार से प्रतिबंध हटाने का आग्रह

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नयी दिल्ली, 25 नवंबर खाद्य तेल उद्योग एसईए ने सोमवार को सरकार से कच्चे पाम तेल और सोयाबीन सहित प्रमुख कृषि वस्तुओं में वायदा कारोबार पर प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया। एसईए का तर्क है कि इससे उसके सदस्यों पर महत्वपूर्ण वित्तीय प्रभाव पड़ रहा है।

पहली बार दिसंबर, 2021 में सात कृषि वस्तुओं पर लागू किए गए प्रतिबंध को कई बार बढ़ाया जा चुका है। फिलहाल यह प्रतिबंध 20 दिसंबर, 2024 तक है।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित पांच मंत्रियों से अपील की है कि वायदा कारोबार की अनुपस्थिति ने मूल्य जोखिम प्रबंधन और बाजार विकास में बाधा उत्पन्न की है।

एसईए के अध्यक्ष संजीव अस्थाना ने मंत्रियों को दिए गए एक ज्ञापन में कहा, ‘‘उद्योग को उम्मीद थी कि सुचारू संचालन के लिए निलंबन हटा दिया जाएगा, लेकिन इस प्रतिबंध के जारी रहने से एक आवश्यक जोखिम शमन माध्यम और कमजोर हो गया है।’’

एसईए ने इस बात पर जोर दिया कि अध्ययनों से पता चला है कि वायदा कारोबार मुद्रास्फीति को महत्वपूर्ण रूप से नहीं बढ़ाता है, जो प्रतिबंध लागू होने के समय एक प्रमुख चिंता का विषय था।

उद्योग निकाय ने कहा कि मौजूदा सोयाबीन की कीमतें सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,892 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे कारोबार कर रही हैं, जबकि रैपसीड का दाम इसके एमएसपी 5,950 रुपये से थोड़ा ही अधिक है।

एसोसिएशन ने विशेष रूप से कच्चे पाम तेल और कच्चे सोयाबीन तेल जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कारोबार वाली वस्तुओं में वायदा कारोबार को फिर से शुरू करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका यह तर्क है कि प्रतिबंध की वजह से व्यवसायों को मूल्यों में अधिक उतार-चढ़ाव से जूझना पड़ रहा है।

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