देश की खबरें | सदन के बाहर नीतिगत निर्णय की घोषणा पर ओडिशा विधानसभा में हंगामा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. ओडिशा विधानसभा का सत्र जारी रहने के दौरान मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी द्वारा सदन के बाहर अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा किए जाने पर सोमवार को विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस ने आपत्ति जतायी और सदन में हंगामा किया। इस वजह से सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
भुवनेश्वर, 29 जुलाई ओडिशा विधानसभा का सत्र जारी रहने के दौरान मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी द्वारा सदन के बाहर अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा किए जाने पर सोमवार को विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) और कांग्रेस ने आपत्ति जतायी और सदन में हंगामा किया। इस वजह से सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस सदस्य तारा प्रसाद बाहिनीपति ने मुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया और उन पर विधानसभा का अनादर करने तथा 26 जुलाई को सदन के बाहर नीतिगत निर्णय की घोषणा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब सदन चल रहा हो तो सरकार को सदन के बाहर किसी नीतिगत निर्णय की घोषणा नहीं करनी चाहिए।
कांग्रेस और बीजद के सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी से विशेषाधिकार नोटिस स्वीकार करने और इसे विशेषाधिकार समिति को भेजने का अनुरोध किया। अध्यक्ष ने कहा कि वह नोटिस की जांच करेंगी। अध्यक्ष के फैसले से नाराज दोनों विपक्षी दलों के सदस्यों ने आसन के पास आकर हंगामा किया जिसके बाद सदन की कार्यवाही पहले 20 मिनट के लिए और फिर दोपहर 12:20 बजे तक और बाद में दोपहर 12:24 बजे से शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
शून्यकाल शुरू होते ही अध्यक्ष ने संसदीय कार्य मंत्री मुकेश महालिंग से बयान देने को कहा जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा 26 जुलाई को की गई घोषणा को पढ़ा।
कांग्रेस सदस्य तारा प्रसाद ने महालिंग को मुख्यमंत्री की घोषणा पढ़ने की अनुमति देने पर आपत्ति जताई, जिसके आधार पर उन्होंने विशेषाधिकार नोटिस दिया है। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री ने सदन की अनदेखी करके और सरकार के नीतिगत फैसले पर बाहर घोषणा करके एक खराब परंपरा शुरू की है। मैं इस मामले में अध्यक्ष से निर्णय लेने की मांग करता हूं।"
कांग्रेस विधायक दल के नेता राम चंद्र कदम ने भी सदन के बाहर मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को "विधानसभा और संविधान का अपमान" बताया। उन्होंने अध्यक्ष से विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार करने और उसे विशेषाधिकार समिति को भेजने का आग्रह किया।
बीजद की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने कहा कि यह असामान्य बात नहीं है कि नयी सरकार के पास कोई अनुभव नहीं है और वह गलतियां कर देती है।
भाजपा सदस्य इराशीष आचार्य ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की योजना के बारे में मीडिया से बात करने पर कांग्रेस के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस पेश दिया।
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