देश की खबरें | एनसीआर की रियल एस्टेट कंपनियों के खिलाफ ईडी की छापेमारी में 31 करोड़ रुपये, लग्जरी वाहन जब्त

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) स्थित दो रियल एस्टेट समूहों के खिलाफ छापेमारी में 31 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक जमा राशि और लग्जरी कारें जब्त की गई हैं। इन समूहों पर घर खरीदारों से 500 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) स्थित दो रियल एस्टेट समूहों के खिलाफ छापेमारी में 31 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक जमा राशि और लग्जरी कारें जब्त की गई हैं। इन समूहों पर घर खरीदारों से 500 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

दिल्ली-एनसीआर में 14 स्थानों पर 25 नवंबर को तलाशी शुरू की गई थी।

छापेमारी में ‘ओरिस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड’, इसके निदेशकों और प्रवर्तकों विजय गुप्ता, अमित गुप्ता और कुछ अन्य के परिसरों की तलाशी ली गई। इसके अलावा एक अन्य कंपनी ‘थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड’ के प्रवर्तकों निर्मल सिंह उप्पल और विधुर भारद्वाज के परिसरों की भी तलाशी ली गई।

दोनों कम्पनियों से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन सफलता नहीं मिली।

धनशोधन की जांच दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा कुछ घर खरीदारों की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ दर्ज की गई दो प्राथमिकी के आधार पर शुरू हुई है। ईओडब्ल्यू ने अपनी जांच के बाद अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया।

केंद्रीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि आरोपी कंपनियों और व्यक्तियों पर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और जालसाजी के कई आरोप हैं।

ईडी के अनुसार, पुलिस प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि ‘ओरिस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड’ ने हरियाणा के गुरुग्राम के सेक्टर 89 में ओरिस समूह के स्वामित्व वाली 47 एकड़ भूमि पर ग्रीनपोलिस नामक एक हाउसिंग सोसाइटी विकसित करने के लिए एक समझौता किया था।

आरोप है कि दोनों कंपनियों और उनके निदेशकों ने एक "आपराधिक षड्यंत्र" रचा और निर्धारित समय के भीतर परियोजना को पूरा नहीं करके तथा घर खरीदारों और निवेशकों को आवासीय इकाइयां वितरित नहीं करके घर खरीदारों की मेहनत की कमाई को “हड़प लिया”।

ईडी ने कहा कि यह रियल एस्टेट "धोखाधड़ी" 500 करोड़ रुपये से अधिक की है।

ईडी ने कहा कि उसने धन की हेरफेर से संबंधित कई "अपराध संकेती" दस्तावेज, संपत्ति के दस्तावेज, बिक्री और पंजीकरण से जुड़े कागज तथा लैपटॉप और हार्ड ड्राइव जैसे डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं।

जांच एजेंसी ने कहा कि ‘ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड’ के कार्यालय परिसर में रखे गए “गुप्त लॉकर” से भी दस्तावेज बरामद किए गए।

इसमें कहा गया है कि (ओरिस समूह के नाम पर) 31.22 करोड़ रुपये की सावधि जमा और बैंक गारंटी को ‘फ्रीज’ किया गया है और ओरिस समूह के एक निदेशक के आवास से बैंक दस्तावेज, लॉकर और चार लग्जरी कार जब्त की गई हैं।

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