देश की खबरें | पारदर्शी और परामर्श प्रक्रिया के बाद गणतंत्र दिवस की झांकी का चयन किया गया: सूत्र
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राज्यों और रक्षा मंत्रालय के बीच परामर्श के बाद तय हुए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत कर्तव्य पथ पर अगले तीन गणतंत्र दिवस समारोहों में झांकियां प्रदर्शित करने का ‘समान’ अवसर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलेगा। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
नयी दिल्ली, 10 जनवरी राज्यों और रक्षा मंत्रालय के बीच परामर्श के बाद तय हुए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत कर्तव्य पथ पर अगले तीन गणतंत्र दिवस समारोहों में झांकियां प्रदर्शित करने का ‘समान’ अवसर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मिलेगा। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पंजाब और कर्नाटक सहित विपक्ष-शासित कई राज्यों द्वारा उनकी झांकियों को मंजूरी न मिलने के बाद चयन प्रक्रिया को लेकर केंद्र की आलोचना की पृष्ठभूमि में यह स्पष्टीकरण आया है।
सूत्रों ने कहा कि झांकी के चयन के लिए परामर्श प्रक्रिया पिछले साल 25 मई को रक्षा सचिव गिरिधर अरामने की राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक से शुरू हुई थी और बाद में तीन साल की योजना तैयार की गई।
उन्होंने कहा कि एक विशेषज्ञ समिति द्वारा चार दौर की बैठकों के बाद, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में झांकियां प्रदर्शित करने के लिए (हर साल की तरह) 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का चयन किया गया।
इस वर्ष के समारोह के लिए चुने गए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं: आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, लद्दाख, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने झांकी के लिए चयन प्रक्रिया की आलोचना की।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि झांकियों का चयन ‘सबसे पारदर्शी और परामर्श प्रक्रिया’ से किया गया, जिसके तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समान अवसर दिया गया चाहे सरकार किसी की भी हो।
उन्होंने कहा कि परेड के लिए दो थीम - 'विकसित भारत' और 'भारत- लोकतंत्र की मातृका' के साथ-साथ चयन के दिशानिर्देशों के बारे में राज्यों को पहले ही सूचित कर दिया गया था।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘चयनित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची से पता चलता है कि विपक्ष शासित राज्यों झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और मेघालय की झांकियों को इस साल की परेड के लिए विशेषज्ञ समिति द्वारा चुना गया है।’’
सूत्र ने कहा, ‘‘दूसरी ओर, उत्तराखंड और गोवा जैसे राज्यों का चयन नहीं किया गया है।’’
सूत्रों ने कहा कि अब तक कर्नाटक सहित 28 राज्य एमओयू पर हस्ताक्षरकर्ता हैं।
उन्होंने कहा कि एमओयू के अनुसार, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर, गोवा, असम और उत्तराखंड लाल किले पर भारत पर्व में भाग लेंगे।
केंद्र सरकार भारत की विविधता को प्रदर्शित करने के लिए गणतंत्र दिवस समारोह के आसपास लाल किला परिसर में भारत पर्व का आयोजन करती है।
सूत्रों ने बताया कि जिन राज्यों को अपनी झांकियां प्रदर्शित करने का अवसर नहीं मिल सका, उन्हें 23 से 31 जनवरी तक भारत पर्व में झांकियां प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने बताया कि हर साल की तरह, झांकी के चयन के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा अनुशंसित प्रसिद्ध कलाकारों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था।
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