नयी दिल्ली, 22 अप्रैल विविध कारोबार से जुड़ा रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. का शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में 18,951 करोड़ रुपये पर लगभग स्थिर रहा। हालांकि तेल एवं पेट्रोकेमिकल व्यवसाय सुधरने और दूरसंचार एवं खुदरा कारोबारों में रफ्तार कायम रहने के बीच इसका सालाना लाभ रिकॉर्ड 69,621 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सोमवार को शेयर बाजार को जनवरी-मार्च, 2024 तिमाही के नतीजों की सूचना दी। इसके मुताबिक, मार्च तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 18,951 करोड़ रुपये यानी 28.01 रुपये प्रति शेयर रहा, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 19,299 करोड़ रुपये यानी 28.52 रुपये प्रति शेयर था।
हालांकि अक्टूबर-दिसंबर, 2023 तिमाही की तुलना में कंपनी का शुद्ध लाभ अधिक रहा। दिसंबर तिमाही में इसमें 17,265 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था।
वहीं, पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में रिलायंस ने 69,621 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड शुद्ध लाभ कमाया जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 66,702 करोड़ रुपये रहा था।
इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज पिछले वित्त वर्ष में 10 लाख करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई। समीक्षाधीन वर्ष में कंपनी का कारोबार 2.6 प्रतिशत बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 9.74 लाख करोड़ रुपये था।
रिलायंस के मुख्य कारोबार तेल एवं पेट्रोकेमिकल ने सालाना और तिमाही दोनों आधार पर वृद्धि दर्ज की, जबकि ग्राहकों में कमी आने के बावजूद नए स्टोर खुलने से खुदरा इकाई के कारोबार की आय में वृद्धि हुई है। वहीं दूरसंचार कारोबार में ग्राहक एवं डेटा ट्रैफिक बढ़ने से राजस्व में बढ़ोतरी देखी गई।
अरबपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी की तिमाही ईबीआईटीडीए (कर पूर्व आय) सालाना आधार पर 14.3 प्रतिशत बढ़कर 47,150 करोड़ रुपये हो गई। इसका परिचालन राजस्व भी लगभग 11 प्रतिशत बढ़कर 2.64 लाख करोड़ रुपये हो गया।
कंपनी के तेल रिफाइनिंग एवं पेट्रोकेमिकल कारोबार का तिमाही राजस्व 11 प्रतिशत बढ़ा जबकि एबिटा आय तीन प्रतिशत बढ़कर 16,777 करोड़ रुपये हो गई।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक बयान में कहा कि यह मुख्य रूप से रिफाइनिंग के लिए कच्चा तेल की ‘लाभदायक’ सोर्सिंग और रसायन बनाने के लिए ईथेन के उपयोग के साथ-साथ उच्च घरेलू उत्पाद आवंटन के कारण हुआ। इस दौरान निर्यात में 8.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
रिलायंस जियो का उपभोक्ता आधार मार्च तिमाही में बढ़कर 48.18 करोड़ हो गया जबकि दिसंबर तिमाही में यह 47.0 करोड़ था। इस दौरान कंपनी का प्रति ग्राहक राजस्व 181.7 रुपये पर स्थिर रहा।
वहीं डिजिटल सेवा व्यवसाय रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड का मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ 12 प्रतिशत बढ़कर 5,583 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान डेटा ट्रैफिक बढ़कर 40.9 अरब जीबी हो गया, जो पिछली तिमाही में 38.1 अरब जीबी था।
समूचे वित्त वर्ष में जियो ने एक साल पहले के 19,124 करोड़ रुपये की तुलना में 21,424 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया।
खुदरा कारोबार से कंपनी का लाभ 11.7 प्रतिशत बढ़कर 2,698 करोड़ रुपये हो गया, जबकि इसके खुदरा स्टोर की संख्या 18,774 से बढ़कर 18,836 हो गई। हालांकि आलोच्य तिमाही में खुदरा स्टोर पर आने वाले ग्राहकों की संख्या दिसंबर तिमाही के 28.2 करोड़ से घटकर 27.2 करोड़ पर आ गई।
तेल और गैस खंड की ईबीआईटीडीए 47.5 प्रतिशत बढ़कर 5,606 करोड़ रुपये हो गयी क्योंकि उच्च गैस मात्रा ने आंशिक रूप से कम कीमत मिलने की भरपाई की।
बंगाल की खाड़ी में स्थित कृष्णा गोदावरी बेसिन में कंपनी का प्रमुख केजी-डी6 ब्लॉक अब प्रति दिन लगभग तीन करोड़ मानक घन मीटर गैस और 23,000 बैरल तेल प्रतिदिन का उत्पादन कर रहा है।
कंपनी ने कहा कि मार्च, 2024 के अंत में उसका बकाया कर्ज बढ़कर 3.24 लाख करोड़ रुपये हो गया जो दिसंबर अंत में 3.11 लाख करोड़ रुपये था। मौजूदा नकदी का समायोजन करने पर 31 मार्च को शुद्ध कर्ज 1.16 लाख करोड़ रुपये था, जो एक साल पहले के 1.25 लाख करोड़ रुपये से कम है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि कारोबार के सभी क्षेत्रों ने मजबूत वित्तीय और परिचालन प्रदर्शन किया है।
अंबानी ने कहा, "इससे कंपनी को कई उपलब्धियां हासिल करने में मदद मिली है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इस साल रिलायंस कर-पूर्व लाभ में एक लाख करोड़ रुपये की सीमा पार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई।"
उन्होंने कहा कि मोबाइल और फिक्स्ड वायरलेस सेवाओं के दम पर ग्राहक आधार के त्वरित विस्तार से डिजिटल सेवा खंड का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। उन्होंने कहा कि 10.8 करोड़ से अधिक ट्रू 5जी ग्राहकों के साथ जियो भारत में 5जी बदलाव की अगुवाई कर रहा है। रिलायंस रिटेल ने भी अपनी मजबूत उपस्थिति से ग्राहकों को विकल्प देना जारी रखा है।
अंबानी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर ईंधन की मजबूत मांग और दुनिया भर में रिफाइनिंग प्रणाली में सीमित लचीलेपन ने तेल एवं रिफाइनिंग खंड के मार्जिन और लाभ को समर्थन दिया है।
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