जरुरी जानकारी | रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध लाभ दूसरी तिमाही में पांच प्रतिशत घटकर 16,563 करोड़ रुपये

नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. (आरआईएल) का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में पांच प्रतिशत घटकर 16,563 करोड़ रुपये रहा है। मुख्य रूप से तेल रिफाइनरी और पेट्रोरसायन कारोबार के कमजोर प्रदर्शन से कंपनी का मुनाफा घटा है।

कंपनी ने सोमवार को बयान में कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 16,563 करोड़ रुपये रहा जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 17,394 करोड़ रुपये था।

रिलायंस के खुदरा कारोबार और दूरसंचार इकाइयों का प्रदर्शन ठीक-ठाक रहा लेकिन वैश्विक स्तर पर अधिक आपूर्ति के कारण रिफाइनरी और पेट्रोरसायन कारोबार में मार्जिन प्रभावित हुआ है।

कंपनी का कर पूर्व लाभ (ईबीआईटीडीए) दो प्रतिशत घटकर 43,934 करोड़ रुपये रहा। मुख्य रूप से अधिक कर्ज के कारण वित्तीय लागत पांच प्रतिशत बढ़कर 6,017 करोड़ रुपये होने से भी कंपनी का प्रदर्शन प्रभावित हुआ है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज का मुख्य कारोबार रिफाइनरी और पेट्रोरसायन क्षेत्रों का प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर अत्यधिक आपूर्ति के कारण प्रभावित हुआ है। रूस से आयातित सस्ते कच्चे तेल से बनाये गये पेट्रोलियम उत्पादों को बड़े पैमाने पर चीन बाजार में ला रहा है। इससे कंपनी के मार्जिन पर असर पड़ा है।

दूसरी तरफ, कंपनी के दो प्रमुख कारोबार खुदरा और दूरसंचार का प्रदर्शन अपेक्षाकृत अच्छा रहा है।

कंपनी की कुल आय मामूली बढ़कर 2.4 लाख करोड़ रुपये रही जो पिछले वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 2.38 लाख करोड़ रुपये थी।

कंपनी का कर्ज सितंबर के अंत में बढ़कर 3.36 लाख करोड़ रुपये हो गया जो जून के अंत में 3.04 लाख करोड़ रुपये था। एक साल पहले इसी अवधि में यह 2.95 लाख करोड़ रुपये था।

कंपनी के अनुसार, खुदरा इकाई रिलायंस रिटेल वेंचर लि. का शुद्ध लाभ दूसरी तिमाही में मामूली 1.28 प्रतिशत बढ़कर 2,836 करोड़ रुपये रहा। दुकानों की संख्या तीस जून तक 18,918 से बढ़कर 18,946 हो गई

कंपनी के अनुसार, जियो प्लेटफॉर्म्स का चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 23.4 प्रतिशत बढ़कर 6,539 करोड़ रुपये रहा।

कंपनी ने बताया कि इस दौरान प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व बढ़कर 195.1 रुपये प्रति माह हो गया।

जियो प्लेटफॉर्म्स में रिलायंस इंडस्ट्रीज का दूरसंचार और डिजिटल कारोबार शामिल है। कंपनी की परिचालन आय सितंबर तिमाही में 18 प्रतिशत बढ़कर 31,709 करोड़ रुपये हो गई।

नतीजों के बारे में रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश डी अंबानी ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि एक बार फिर रिलायंस ने दिखाया है कि हमारा विस्तृत कारोबार हमारी ताकत है। हमारे डिजिटल कारोबार और तेल खोज और उत्पादन व्यवसाय ने मजबूत वृद्धि दर्ज की है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ दुनिया में आ रहे बदलावों के चलते रिफाइनरी और पेट्रोरसायन (ओ टू सी) कारोबार को हुए नुकसान की कुछ हद तक भरपाई, डिजिटल और अपस्ट्रीम कारोबार (तेल खोज एवं उत्पाद) ने कर दी है।

अंबानी ने कहा कि प्रति उपभोक्ता राजस्व बढ़ने और ग्राहकों को जोड़ने के उपायों के चलते डिजिटल कारोबार में वद्धि दर्ज की गई। जियो एयर फाइबर की पेशकश ग्राहकों को पसंद आ रही है और इससे ‘होम ब्रॉडबैंड’ में खासी तेजी देखी जा रही है।

उन्होंने कहा कि खुदरा क्षेत्र भौतिक और डिजिटल चैनल पर अपने उपभोक्ता संपर्क बिंदुओं और उत्पाद पेशकशों को लगातार बढ़ा रहा है।

अंबानी ने कहा कि खुदरा कारोबार प्रसिद्ध घरेलू और वैश्विक कंपनियों के साथ साझेदारी जारी रखे हुए है, जिससे गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की पेशकश का विस्तार हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे खुदरा परिचालन को मजबूत करने पर ध्यान देने से हमें आने वाली तिमाहियों और वर्षों में इस कारोबार को तेजी से बढ़ाने और उद्योग की अग्रणी विकास गति को बनाए रखने में मदद मिलेगी।’’

अंबानी ने यह भी कहा कि सौर पीवी मॉड्यूल का इस साल के अंत तक उत्पादन शुरू करने के लिए नये ऊर्जा कारखानों पर काम जारी है। इस वर्ष के अंत तक सौर पीवी मॉड्यूल का उत्पादन शुरू करने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सौर, ऊर्जा भंडारण प्रणालियों, हरित हाइड्रोजन, जैव-ऊर्जा और पवन ऊर्जा सहित नवीकरणीय समाधानों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ, नई ऊर्जा व्यवसाय वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा बदलाव में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनने के लिए तैयार है।’’

जियो के ग्राहकों की संख्या सालाना आधार पर 4.2 प्रतिशत बढ़कर दूसरी तिमाही में 47.88 करोड़ हो गयी। लेकिन यह पिछली तिमाही के 48.97 करोड़ से कम है।

प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) बढ़कर 195.1 रुपये प्रति माह हो गया। पिछली तिमाही और एक साल पहले इसी तिमाही में यह 181.7 रुपये था।

इसमें कहा गया है, ‘‘हाल ही में शुल्क बढ़ोतरी का पूरा असर अगले दो-तीन महीनों में दिखेगा।’’

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