देश की खबरें | ‘नेत्र कुम्भ’ में तीन लाख चश्मों के वितरण का बनेगा रिकॉर्ड

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. तीर्थराज प्रयागराज में संगम के पावन तट पर 13 जनवरी 2025 से शुरू हो रहे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं की आंखों के स्वास्थ्य को लेकर ‘नेत्र कुम्भ’ का आयोजन किया जाएगा।

प्रयागराज, आठ दिसंबर तीर्थराज प्रयागराज में संगम के पावन तट पर 13 जनवरी 2025 से शुरू हो रहे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं की आंखों के स्वास्थ्य को लेकर ‘नेत्र कुम्भ’ का आयोजन किया जाएगा।

‘नेत्र कुम्भ’ आयोजन समिति के अध्यक्ष कवींद्र प्रताप सिंह ने बताया कि नौ एकड़ में लगने जा रहे इस ‘नेत्र कुम्भ’ में पहली बार पांच लाख से ज्यादा लोगों की आंखों की जांच करने और तीन लाख चश्मों का वितरण करने का लक्ष्य है।

उन्होंने बताया कि ऑपरेशन की जरूरत वाले नेत्र रोगियों को उनके घर के पास स्थित नेत्र चिकित्सालय में निशुल्क ऑपरेशन की सुविधा प्रदान की जाएगी।

सिंह ने कहा कि इसके लिए ‘नेत्र कुम्भ’ की ओर से देशभर के 150 से ज्यादा अस्पतालों के साथ करार किया गया है।

सिंह ने बताया कि ऐसे मरीजों को डॉक्टर निरीक्षण के बाद एक रेफरल कार्ड देंगे जिसकी एक प्रति संबंधित अस्पताल को भेजी जाएगी और दूसरी प्रति ‘नेत्र कुम्भ’ की आयोजक संस्था 'सक्षम' के कार्यकर्ताओं के पास रहेगी। ये कार्यकर्ता मरीज और अस्पताल के बीच समन्वय स्थापित कर ऑपरेशन की प्रक्रिया सुगम बनाएंगे।

उन्होंने कहा कि इस नेत्र कुम्भ से 50,000 लोगों को ऑपरेशन कार्ड प्रदान किए जाने की संभावना है।

सिंह ने बताया, “ प्रयागराज में 2019 के कुम्भ मेले के दौरान 1.5 लाख लोगों को चश्मे का वितरण किया गया था और तीन लाख लोगों के आंखों की जांच के साथ हमने ‘लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में स्थान बनाया था।”

उन्होंने बताया कि महाकुम्भ मेले में भारतीय सेना के डॉक्टर भी अपनी सेवाएं निशुल्क देंगे तथा यहां आने वाले मरीजों को निशुल्क परीक्षण के साथ ही निशुल्क दवाएं और निशुल्क जलपान की भी व्यवस्था रहेगी।

‘नेत्र कुम्भ’ की मीडिया संयोजक डॉक्टर कीर्तिका अग्रवाल ने बताया कि इस ‘नेत्र कुम्भ’ का आयोजन सेक्टर 6 में स्थित नागवासुकि मंदिर के सामने मेला क्षेत्र में होने जा रहा है।

‘नेत्र कुम्भ’ 12 जनवरी से मेला क्षेत्र में शुरू होगा जो 26 फरवरी तक प्रतिदिन (प्रमुख स्नान पर्व को छोड़कर) चलता रहेगा।

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