जरुरी जानकारी | आरबीआई ब्याज दर पर यथास्थिति बनाए रख सकता है: विशेषज्ञ

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारतीय रिजर्व बैंक अपनी आगामी द्विमासिक नीति समीक्षा में लगातार तीसरी बार प्रमुख ब्याज दरों पर यथास्थिति बनाए रख सकता है। विशेषज्ञों ने यह अनुमान जताया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व और यूरोपीय सेंट्रल बैंक के प्रधान दरों में बढ़ोतरी के बावजूद घरेलू मुद्रास्फीति आरबीआई के सहनशील दायरे में बनी हुई है।

नयी दिल्ली, 30 जुलाई भारतीय रिजर्व बैंक अपनी आगामी द्विमासिक नीति समीक्षा में लगातार तीसरी बार प्रमुख ब्याज दरों पर यथास्थिति बनाए रख सकता है। विशेषज्ञों ने यह अनुमान जताया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व और यूरोपीय सेंट्रल बैंक के प्रधान दरों में बढ़ोतरी के बावजूद घरेलू मुद्रास्फीति आरबीआई के सहनशील दायरे में बनी हुई है।

आरबीआई ने पिछले साल मई से ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू की थी, हालांकि इस साल फरवरी के बाद से रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर स्थिर है। अप्रैल और जून में पिछली दो द्विमासिक नीति समीक्षाओं में इसमें बदलाव नहीं किया गया।

आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 8-10 अगस्त को होगी। नीतिगत निर्णय की घोषणा 10 अगस्त को गवर्नर शक्तिकांत दास करेंगे।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ''हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई दरों पर यथास्थिति बनाए रखेगा। इसका कारण यह है कि मुद्रास्फीति इस समय पांच प्रतिशत से कम चल रही है, लेकिन आने वाले महीनों में महंगाई बढ़ने के साथ इसमें कुछ बढ़ोतरी का जोखिम होगा।''

कोटक महिंद्रा बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज ने कहा, ''चूंकि 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने की घोषणा के बाद नकदी की स्थिति अनुकूल हो गई है, इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई मौजूदा रुख पर कायम रहेगा।''

उन्होंने कहा कि सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि घरेलू मुद्रास्फीति का रुख कैसा रहता है।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सब्जियों की कीमतों में उछाल से जुलाई 2023 में सीपीआई या खुदरा मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से ऊपर जाने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि ऐसे में रेपो दर पर यथास्थिति बनी रहने के साथ एमपीसी की काफी तीखी टिप्पणी देखने को मिल सकती है।

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