जरुरी जानकारी | रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की और वृद्धि कर सकता है रिजर्व बैंक : विशेषज्ञ

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर आने वाले दिनों में कुछ हद तक उदार रुख अपना सकता है। खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी के संकेत दिखने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अपनी प्रमुख ब्याज दर में बढ़ोतरी की गति को धीमा करने से ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

मुंबई, पांच फरवरी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर आने वाले दिनों में कुछ हद तक उदार रुख अपना सकता है। खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी के संकेत दिखने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अपनी प्रमुख ब्याज दर में बढ़ोतरी की गति को धीमा करने से ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस सप्ताह अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की मामूली वृद्धि कर सकता है।

आरबीआई ने दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख ब्याज दर को 0.35 प्रतिशत बढ़ा दिया था। इससे पहले लगातार तीन बार इसमें 0.5-0.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।

आरबीआई ने पिछले साल मई से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए रेपो दर में कुल 2.25 प्रतिशत की वृद्धि की है। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में आए व्यवधान के चलते करनी पड़ी।

आरबीआई की दर निर्धारण करने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) सोमवार को तीन दिन के विचार-विमर्श की शुरुआत करेगी। एमपीसी का निर्णय आठ फरवरी को सुनाया जाएगा।

कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक मुद्रास्फीति में नरमी आ रही है, हालांकि महंगाई दर अब भी प्रत्येक केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से काफी ऊपर है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अगले कुछ महीनों में मुद्रास्फीति में और नरमी आने की संभावना है। इसके साथ ही 2023 की पहली छमाही तक दर वृद्धि का दौर खत्म हो जाएगा। इसके बाद 2023 के अंत या 2024 की शुरुआत में दरों में कटौती शुरू हो सकती है।

सरकार ने आरबीआई को मुद्रास्फीति को छह प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। महंगाई दर जनवरी, 2022 से तीन तिमाहियों तक लगातार छह प्रतिशत से ऊपर बनी रही। इसमें नवंबर और दिसंबर, 2022 में कुछ राहत मिली।

हाउसिंग डॉट कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने एमपीसी से अपनी उम्मीदों पर कहा कि आरबीआई शायद आगामी नीति घोषणा में रेपो दर में मामूली वृद्धि पर कायम रहेगा। उन्होंने कहा कि 2023 में आगे चलकर दरों में बढ़ोतरी का क्रम थम सकता है।

मुंबई स्थित सरला अनिल मोदी स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स की निदेशक अमिता वैद्य ने भी कहा कि मौद्रिक नीति समिति अपने सख्त रुख में कुछ ढील दे सकती है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक परिदृश्य का नकारात्मक रुख अब भी जारी है, लेकिन घरेलू अर्थव्यवस्था में तेजी और जुझारूपन दिखाई दे रहा है। उन्होंने आगामी समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया।

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