देश की खबरें | रशीद ने विपक्षी दलों से कहा- जब तक पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल नहीं होता, सरकार गठित न करें
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बारामूला से लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद ने सोमवार को जम्मू कश्मीर में विपक्षी दलों से अपील की कि वे केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने में देरी कराएं ताकि केंद्र पर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए दबाव बनाया जा सके।
श्रीनगर, सात अक्टूबर बारामूला से लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद ने सोमवार को जम्मू कश्मीर में विपक्षी दलों से अपील की कि वे केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने में देरी कराएं ताकि केंद्र पर पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए दबाव बनाया जा सके।
रशीद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कल किसी को भी बहुमत मिले, लेकिन ‘इंडिया’ गठबंधन, पीडीपी और अन्य क्षेत्रीय दलों से मेरा विनम्र अनुरोध है कि उन्हें पूर्ण राज्य के दर्जे के लिए एकजुट होना चाहिए। उन्हें तब तक सरकार नहीं बनानी चाहिए जब तक पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता।’’
अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के अध्यक्ष रशीद ने कहा कि क्षेत्रीय दलों और कांग्रेस को एकजुट हो जाना चाहिए और एक आवाज में भाजपा-नीत केंद्र सरकार से कहना चाहिए कि पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के वास्ते केंद्र पर दबाव बनाने के लिए सरकार गठन में देरी की जा सकती है। राजनीतिक दलों को एकजुट होकर केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए। एआईपी इस मुद्दे पर उनके साथ सहयोग करने के लिए तैयार है। हर मतदाता यही चाहता है।’’
रशीद ने विधानसभा में पांच सदस्यों को नामित करने का अधिकार उपराज्यपाल को देने के फैसले की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि किसी भी निर्वाचित विधानसभा में कोई भी नामांकन लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है और यदि केंद्र सरकार विभिन्न समुदायों के लोगों को नामित करना चाहती है तो उसे विधान परिषद का गठन करना चाहिए।
रशीद ने कहा, ‘‘कश्मीरी पंडितों या पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों के लिए नामांकन क्यों? और अगर उनके लिए नामांकन होता है तो गुजरात में और देश में अन्य जगहों पर मुस्लिमों के बारे में क्या? संसद में किसी मुस्लिम को क्यों नहीं नामित किया जाता? केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई मुस्लिम क्यों नहीं है?’’
उन्होंने यति नरसिंहानंद के विवादास्पद बयान के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि यति नरसिंहानंद ने फिर से ईशनिंदा की है... इससे हम पर कोई असर नहीं पड़ता क्योंकि पैगंबर हमारे दिलों में रहते हैं। हम उनके नाम के लिए सब कुछ कुर्बान करने को तैयार हैं। लेकिन मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूछना चाहता हूं कि अगर सोशल मीडिया पोस्ट के लिए लोगों पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया जाता है, तो यति पर मामला क्यों नहीं दर्ज किया गया?’’
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