विदेश की खबरें | राष्ट्रपति पद के लिए पहली बहस के बाद रामास्वामी की लोकप्रियता बढ़ी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों की पहली प्राथमिक बहस में प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद अरबपति भारतीय-अमेरिकी बायोटेक उद्यमी विवेक रामास्वामी की लोकप्रियता रेटिंग में बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ऑनलाइन तरीके से धन जुटाने की कवायद में इजाफा दिख रहा है।
वॉशिंगटन, 25 अगस्त अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों की पहली प्राथमिक बहस में प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद अरबपति भारतीय-अमेरिकी बायोटेक उद्यमी विवेक रामास्वामी की लोकप्रियता रेटिंग में बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ऑनलाइन तरीके से धन जुटाने की कवायद में इजाफा दिख रहा है।
रामास्वामी की चुनाव संबंधी अभियान टीम के अनुसार, 38 वर्षीय राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ने बुधवार को बहस के बाद 450,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक जुटाए हैं जिसमें औसत दान 38 डालर था।
उद्यमी से राजनेता बने रामास्वामी को बहस के दौरान तीन शीर्ष प्रतिद्वंद्वी न्यू जर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टीज, पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस और दक्षिण कैरोलाइना की गवर्नर निक्की हेली से कड़ी टक्कर मिली।
‘पॉपुलर एक्सिस’ की खबर के अनुसार, ‘‘ट्रंप की अनुपस्थिति में रामास्वामी ‘जीओपी’ ने बहस में बाजी मारी।’’
बहस के बाद सामने आए पहले सर्वेक्षण में कहा गया कि 504 उत्तरदाताओं में से 28 प्रतिशत ने कहा कि रामास्वामी ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। उनके बाद 27 प्रतिशत के साथ फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस और 13 प्रतिशत के साथ पेंस हैं। भारतीय अमेरिकी हेली को सात फीसदी वोट मिले हैं।
‘फॉक्स न्यूज’ के अनुसार, रामास्वामी पहले रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की बहस के लिए गूगल पर सबसे अधिक खोजे जाने वाले ‘जीओपी’ उम्मीदवार रहे। उनके बाद उनकी साथी भारतीय अमेरिकी निक्की हेली थीं।
‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की खबर में बताया गया, ‘‘विवेक रामास्वामी ने रिपब्लिकन की पहली प्राथमिक बहस में काफी सुर्खियां बटोरीं।’’ इसके संपादकीय बोर्ड ने अपने संपादकीय में उनके विदेश नीति प्रस्तावों की आलोचना की और कहा कि इससे उन्हें व्हाइट हाउस नहीं मिलेगा।
‘एनबीसी न्यूज’ ने पहली बहस को ‘‘विवेक रामास्वामी शो’’ के रूप में वर्णित किया।
चैनल ने खबर में बताया, ‘‘यह कल रात की पहली जीओपी राष्ट्रपति बहस से हमारा मुख्य निष्कर्ष है, जहां राजनीति में पहली बार कदम रखने वाले रामास्वामी, डोनाल्ड ट्रंप के बचावकर्ता के तौर पर काम करते दिखे, लेकिन उन्हें अपनी अनुभवहीनता और विदेश-नीति की स्थिति पर प्रतिद्वंद्वियों से कड़ी टक्कर मिली।’’
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