राजस्थान सरकार ने जल जीवन मिशन में 90 प्रतिशत केन्द्रीय हिस्सेदारी की मांग की
राजस्थान सरकार ने केन्द्र सरकार के समक्ष जल जीवन मिशन में प्रदेश को 90 प्रतिशत केन्द्रीय हिस्सेदारी देने की मांग शनिवार को फिर उठाई और इस संबंध में 2013 से पहले की स्थिति को बहाल करने की अपील की.
जयपुर: राजस्थान सरकार ने केन्द्र सरकार के समक्ष जल जीवन मिशन में प्रदेश को 90 प्रतिशत केन्द्रीय हिस्सेदारी देने की मांग शनिवार को फिर उठाई और इस संबंध में 2013 से पहले की स्थिति को बहाल करने की अपील की. राज्य के जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में जल जीवन मिशन के तहत राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के डिजिटल सम्मेलन में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने बताया कि राज्य में 2024 तक एक करोड़ एक लाख घरों में नल कनेक्शन देने के लक्ष्य के साथ जल जीवन मिशन के कार्यों को गति दी जा रही है.
उन्होंने बताया कि राज्य में इस वित्त वर्ष के अंत तक 19.5 लाख घरों मे नल कनेक्शन हो जाएंगे। वर्ष 2021-22 में 30 लाख, 2022-23 में 40 लाख और 2023-24 में 12 लाख घरों में नल कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसके सफल क्रियान्वयन के लिए केन्द्र सरकार की 90 प्रतिशत वित्तीय भागीदारी आवश्यक है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 से पहले राजस्थान को मरूस्थलीय जिलों के लिए 100 प्रतिशत तथा अन्य जिलों के लिए 90 प्रतिशत केन्द्रीय सहायता पेयजल परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए मिलती थी. यह भी पढ़े: MP में राजनाथ सिंह ने 2 हजार करोड़ के जल संरचनाओं के प्रोजेक्ट का किया उद्घाटन, शिवराज बोले-जल जीवन मिशन में तेजी से काम करके बनेंगे नंबर-1
उन्होंने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार द्वारा पहाड़ी राज्यों में जहां बर्फ और पानी उपलब्ध है तथा केन्द्र शासित प्रदेशों को फिलहाल जल जीवन मिशन के तहत 100 प्रतिशत सहायता दी जा रही है। वहीं, राजस्थान जहां जल की उपलब्धता ही सबसे बड़ा संकट है और भौगोलिक स्थितियां चुनौतीपूर्ण एवं गांवों के बीच की दूरियां बहुत ज्यादा है, मात्र 50 प्रतिशत ही केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘इसे देखते हुए वर्ष 2024 तक प्रदेश में जल जीवन मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पुनः वर्ष 2013 के पहले की स्थिति के समान 90 प्रतिशत केन्द्रीय सहायता के दर्जे को बहाल किया जाना आवश्यक है.’ उन्होंने राज्य की जनता के दूरगामी हितों से जुड़ी मांग पर विस्तार से चर्चा करते हुए ईस्टर्न कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने और शेखावाटी इलाके को यमुना का पानी दिलाने के लिए भी केन्द्र सरकार से मध्यस्थता करने का आग्रह किया.
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