देश की खबरें | घटक दलों के बीच मतभेद सामने आने से विपक्षी गठबंधन के भविष्य पर उठ रहे सवाल

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नयी दिल्ली, सात दिसंबर ‘इंडिया’ में शामिल कई सहयोगी दलों के बीच मतभेद सामने आने और कांग्रेस द्वारा गंभीर आत्मचिंतन के लिए आवाज उठने के साथ विपक्षी गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं।

टकराव का ताजा मुद्दा महाराष्ट्र से आया है, जहां समाजवादी पार्टी (सपा) ने शिवसेना (उबाठा) नेता द्वारा बाबरी मस्जिद के विध्वंस की प्रशंसा करने के बाद महा विकास आघाडी (एमवीए) छोड़ने की घोषणा की है।

अदाणी मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन के दौरान सपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) भी ‘इंडिया’ के अन्य सहयोगियों के साथ नहीं दिखीं। संसद के अंदर और बाहर दोनों ही जगहों पर अन्य मुद्दों पर सहयोगी दलों के बीच मतभेद हैं।

हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों में कांग्रेस की चौंकाने वाली हार के बाद, अब पार्टियां गठबंधन के भीतर अपनी ताकत दिखाने लगी हैं। खराब चुनावी प्रदर्शन के बाद कांग्रेस को लेकर कुछ विपक्षी दलों का मानना ​​है कि उसे आत्मचिंतन करना चाहिए और दूसरों के प्रति उदार होना चाहिए।

सहयोगी दल विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस के ‘‘दबदबे’’ के खिलाफ भी बोल रहे हैं। साझेदारों के बीच मुद्दों पर असहमति के बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया है और संकेत दिया है कि अगर मौका मिला तो वह गठबंधन की कमान संभालेंगी।

टीएमसी सुप्रीमो ने कहा है कि वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में अपनी भूमिका जारी रखते हुए विपक्षी मोर्चे के नेतृत्व की दोहरी जिम्मेदारी संभाल सकती हैं। अब सभी की निगाहें कांग्रेस के अगले कदम पर टिकी हैं, क्योंकि प्रमुख विपक्षी पार्टी अदाणी और किसानों के मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन समेत कई मुद्दों पर संसद में खुद को अलग-थलग पाती है जहां इसके कई सहयोगी इससे दूर रहते हैं।

विपक्षी गठबंधन का गठन जून 2023 में लोकसभा चुनाव से पहले ‘‘भाजपा हटाओ, देश बचाओ’’ के नारे के साथ किया गया था। लेकिन इसके संस्थापकों में से एक, जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार ने आगे चलकर पाला बदल लिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से हाथ मिला लिया।

सपा के राज्यसभा सदस्य जावेद अली खान ने कहा कि उनकी पार्टी अभी भी ‘इंडिया’ गठबंधन में है, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि इस गुट के भीतर ‘‘मतभेद’’ हैं। उन्होंने ‘पीटीआई-’’ से कहा, ‘‘हम अभी भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं क्योंकि हम संस्थापकों में से थे। लेकिन गठबंधन के सहयोगियों के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद हैं।’’

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