जरुरी जानकारी | अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक पूंजीगत व्यय धीमा पड़ने का अनुमानः गोल्डमैन सैश
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. विदेशी ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैश ने सोमवार को कहा कि उसे अगले वित्त वर्ष में सरकारी पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी की दर धीमी पड़ने की आशंका है।
मुंबई, 13 जनवरी विदेशी ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैश ने सोमवार को कहा कि उसे अगले वित्त वर्ष में सरकारी पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी की दर धीमी पड़ने की आशंका है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश करेंगी।
गोल्डमैन सैश ने एक रिपोर्ट में कहा कि सीतारमण सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में 13 प्रतिशत बढ़ोतरी की घोषणा कर सकती हैं। इसके पहले वित्त वर्ष 2023-24 में सार्वजनिक पूंजीगत व्यय 17 प्रतिशत बढ़ाया गया था। उससे पहले के तीन वर्षों में भी इसमें अच्छी वृद्धि हुई थी।
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि सरकार राजकोषीय मजबूती की राह पर बनी रहेगी और राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.5 प्रतिशत तक लाने का प्रयास करेगी।
फर्म ने कहा कि लोकसभा में भाजपा के बहुमत में आई कमी को देखते हुए ग्रामीण हस्तांतरण और कल्याणकारी मदों के लिए व्यय का नए सिरे से आवंटन किए जाने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई-सितंबर तिमाही में वास्तविक जीडीपी वृद्धि कई तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आने के पीछे सुस्त सार्वजनिक पूंजीगत व्यय और अर्थव्यवस्था में ऋण वृद्धि बाधित करने वाले रिजर्व बैंक के कदमों का योगदान रहा है।
ब्रोकरेज फर्म ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2020-21 से 2023-24 के दौरान पूंजीगत व्यय में हुई 30 प्रतिशत वृद्धि नरम पड़कर 13 प्रतिशत हो जाएगी। इसके साथ कल्याणकारी व्यय या अंतरण भुगतान की तरफ सरकार का झुकाव हो सकता है।’’
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘हमारा मानना है कि सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में सबसे तेज वृद्धि की रफ्तार अब पीछे छूट गई है। हमें उम्मीद है कि पूंजीगत व्यय यहां से मौजूदा कीमतों पर जीडीपी में वृद्धि की दर या उससे कम दर से बढ़ेगा।’’
इसके साथ ही विदेशी ब्रोकरेज फर्म ने अनुमान जताया कि सरकार राजकोषीय घाटे को चालू वित्त वर्ष के 4.9 प्रतिशत के मुकाबले 4.5 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य रखेगी। इसने कहा कि केंद्र सरकार का राजकोषीय रुख अगले वित्त वर्ष में वृद्धि के लिए एक बाधा बना रहेगा।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)