देश की खबरें | प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' में ‘कानपुर प्लॉगर्स ग्रुप’ की तारीफ की

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कानपुर में कई वर्षों से घाटों की सफाई कर रहे ‘प्लॉगर’ (सुबह की सैर के दौरान कूड़ा उठाना) के एक समूह ने पर्यावरण को स्वच्छ रखने के अपने परिश्रमी कार्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान आकर्षित किया है।

लखनऊ, 24 नवंबर कानपुर में कई वर्षों से घाटों की सफाई कर रहे ‘प्लॉगर’ (सुबह की सैर के दौरान कूड़ा उठाना) के एक समूह ने पर्यावरण को स्वच्छ रखने के अपने परिश्रमी कार्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ध्यान आकर्षित किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' की 116वीं कड़ी में अभियान में शामिल युवाओं की इस प्रेरक पहल की प्रशंसा करते हुए उनके प्रयासों को समर्पण का एक उल्लेखनीय उदाहरण बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कानपुर में एक अनूठी पहल चल रही है, जहां सुबह की सैर करने वाले लोग गंगा घाट के किनारों से प्लास्टिक और अन्य कचरा एकत्र करके स्वच्छता में योगदान देते हैं।

यह समूह पिछले 183 सप्ताह से पूरी लगन से ‘प्लॉगिंग’ यानी सुबह की सैर के दौरान कूड़ा उठा रहा है।

पेशे से दंत चिकित्सक डॉक्टर संजीवनी शर्मा ‘कानपुर प्लॉगर्स ग्रुप’ की संस्थापक और अध्यक्ष हैं। समूह ने छह मार्च 2021 को अपना सफाई अभियान शुरू किया।

इस अभियान में आम जनता को शामिल करने के लिए 850 सदस्यों वाला एक ‘व्हाट्सएप ग्रुप’ बनाया गया है। साथ ही अन्य सोशल मीडिया मंचों का उपयोग किया गया। इनके जरिये सदस्यों को अगले सफाई अभियान के स्थान और समय के बारे में संदेश मिलते हैं और हर बार 40 से 200 लोग योगदान देने के लिए इकट्ठा होते हैं।

डॉक्टर शर्मा का मानना है कि जो लोग दूसरों का कचरा उठाते हैं वे खुद कूड़ा नहीं फैलाते हैं और यही दर्शन उनके मिशन को आगे बढ़ाता है।

समूह की सचिव पूजा श्रीवास्तव और उपाध्यक्ष अभिषेक पुरवार ने कहा कि प्रतिभागियों में 65 वर्षीय बुजुर्ग से लेकर सात साल का बच्चा तक शामिल है। सबसे बुजुर्ग स्वयंसेवक अधिवक्ता अनूप द्विवेदी और युवा विराज मिलकर घाटों को साफ रखने का काम करते हैं। इस आंदोलन में स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासक, नगर निगम और हर उम्र और हर पृष्ठभूमि के लोग शामिल हो गए हैं।

डॉक्टर संजीवनी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा साल 2021 में 'एक्स' पर किए गए एक पोस्ट ने उन्हें प्रेरित किया। अपने पोस्ट में प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे उन्होंने केरल के एक समुद्र तट पर अपनी सुबह की सैर को ‘प्लॉगिंग’ के साथ जोड़ा और ‘जॉगिंग’ करते हुए कूड़ा उठाया।

संजीवनी ने कहा, ''मैंने सोचा कि मैं भी ऐसा क्यों नहीं कर सकती? इसके बाद ‘कानपुर प्लॉगर्स ग्रुप’ का गठन हुआ जो तब से सोशल मीडिया के जरिए लोगों से सक्रिय रूप से जुड़ रहा है। इस पहल को समर्थन देने में कानपुर नगर निगम ने अहम भूमिका निभाई है।''

उन्होंने बताया कि समूह रनिया इलाके में स्थित एक ‘प्लास्टिक रिसाइकिलिंग फैक्ट्री’ के साथ सहयोग करता है, जहां समूह के सैकड़ों स्वयंसेवक पिछले तीन वर्षों से प्लास्टिक कचरा भेज रहे हैं। गंगा बैराज के पास ‘मैगी पॉइंट्स’ के विक्रेता भी समूह को इस्तेमाल किए गए पैकेट देकर योगदान देते हैं, जिन्हें फिर ‘रिसाइकिलिंग’ के लिए भेजा जाता है।

इस प्लास्टिक कचरे को पिघलाकर ‘ट्री गार्ड’ बनाये जाते हैं। प्लास्टिक के 3,750 पैकेट को पिघलाकर ‘ट्री गार्ड’ में बदल दिया गया है। इस तरह जो प्लास्टिक कचरा कभी पर्यावरण को प्रदूषित करता था, वह अब पेड़ों की रक्षा के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

‘प्लॉगिंग’ अभियान के दौरान नगर निगम एक ट्रक उपलब्ध कराता है ताकि कचरे को उसमें भरकर निस्तारण के लिये ले जाया जाए। एकत्र किए गए कचरे को समूह द्वारा निगम को सौंप दिया जाता है जो उसे उचित निस्तारण के लिए कचरा संयंत्रों में ले जाता है।

‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने लखनऊ के वीरेंद्र के प्रयासों की भी सराहना की। मोदी ने जिक्र किया कि कैसे वीरेंद्र जैसे निस्वार्थ व्यक्ति समाज के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।

वीरेंद्र बुजुर्गों को डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त करने में सहायता करते हैं, जो पहले एक जटिल प्रक्रिया थी। साल 2014 तक पेंशनभोगियों को अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए सालाना बैंकों का चक्कर लगाना पड़ता था जिससे काफी असुविधा होती थी।

एक बयान में कहा गया है कि ऐसे प्रयासों के कारण ही आज डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र पाने वालों की संख्या 80 लाख को पार कर गई है। इनमें से दो लाख से ज्यादा बुजुर्ग ऐसे हैं जिनकी उम्र 80 साल से ज्यादा है।

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