देश की खबरें | मंदिर की परंपराओं से जुड़े मामलों में निर्णय पुजारियों को करना चाहिए न कि सरकार को : केरल के मंत्री
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केरल के परिवहन मंत्री के.बी.गणेश कुमार ने शनिवार को कहा कि मंदिरों में पंरपराओं से जुड़े मामलों में निर्णय पुजारियों (तंत्रियों) द्वारा किया जाना चाहिए, जबकि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि मंदिरों की परंपराओं में समय के साथ बदलाव होना चाहिए।
तिरुवनंतपुरम, चार जनवरी केरल के परिवहन मंत्री के.बी.गणेश कुमार ने शनिवार को कहा कि मंदिरों में पंरपराओं से जुड़े मामलों में निर्णय पुजारियों (तंत्रियों) द्वारा किया जाना चाहिए, जबकि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि मंदिरों की परंपराओं में समय के साथ बदलाव होना चाहिए।
गणेश कुमार, नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) के निदेशक मंडल के सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को लगता है कि कुछ बदलाव आवश्यक हैं, तो उन्हें तांत्रियों के परामर्श से या ‘देवप्रसन्न’ लेने के बाद ऐसा करना चाहिए।
राज्य मंत्रिमंडल में केरल कांग्रेस (बी) के प्रतिनिधि कुमार ने कहा, ‘‘विभिन्न मंदिरों की अपने रीति-रिवाज और परंपराएं होती हैं और श्रद्धालु को उनका पालन करना चाहिए। अन्य लोगों को मंदिर जाने की जरूरत नहीं है।’’
एनएसएस महासचिव जी सुकुमारन नायर ने शिवगिरी मठ के प्रमुख स्वामी सच्चिदानंद के इस बयान का समर्थन करने के लिए मुख्यमंत्री की कड़ी आलोचना की थी कि मंदिरों को शर्ट पहने पुरुष श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं देने की परंपरा का त्याग कर देना चाहिए।
स्वामी के रुख का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि बदलते समय के साथ तालमेल बिठाने के लिए ऐसी परंपराओं से बचा जा सकता है।
इस बीच, केरल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी. डी. सतीशन ने कहा कि यह विषय संबंधित समुदायों के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता और केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी)के पूर्व अध्यक्ष के. मुरलीधरन ने भी कहा कि मंदिर के रीति-रिवाजों का निर्णय तंत्रियों द्वारा किया जाना चाहिए।
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