गैरकानूनी फोन टैपिंग मामले में पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर के बाहर सुरक्षा कड़ी की

पुलिस ने रविवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वारिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस के दक्षिणी मुंबई स्थित आवास और बीकेसी साइबर पुलिस थाने की सुरक्षा बढ़ा दी. यह कदम कथित गैरकानूनी फोन टैपिंग मामले में फडणवीस के बयान दर्ज कराने से पहले उठाया गया है.

महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (Photo Credits: ANI)

मुंबई, 13 मार्च : पुलिस ने रविवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वारिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस के दक्षिणी मुंबई स्थित आवास और बीकेसी साइबर पुलिस थाने की सुरक्षा बढ़ा दी. यह कदम कथित गैरकानूनी फोन टैपिंग मामले में फडणवीस के बयान दर्ज कराने से पहले उठाया गया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. मुंबई साइबर पुलिस ने फडणवीस को नोटिस जारी कर रविवार को मामले में पेश होने को कहा है. फडणवीस ने हालांकि, शनिवार को कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन्हें यह सूचित करने के लिए संपर्क किया कि पुलिस आवास पर जरूरी जानकारी लेने के लिए आएगी और उन्हें थाने आने की जरूरत नहीं है.

अधिकारी ने बताया कि पुलिस की टीम वरिष्ठ भाजपा नेता के मालाबार हिल इलाके स्थित आवास में जाएगी और उस दौरान समर्थक वहां और बीकेसी साइबर पुलिस थाने के समक्ष इकट्ठा हो सकते हैं, इसलिए दोनों स्थानों पर महिला कर्मियों सहित अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है. महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वाल्से पाटिल ने पिछले महीने आरोप लगाया था कि आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला जब राज्य की खुफिया प्रमुख थीं तब कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले, मंत्री बाच्चू कडू, पूर्व विधायक आशीष देशमुख, पूर्व सांसद संजय काकडे सहित कई नेताओं के फोन टैप किए गए थे. यह भी पढ़ें : UP Election Results 2022: छोटे दलों ने दी भाजपा-सपा को बड़ी ताकत, कांग्रेस और बसपा से बड़ा हुआ कद

पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘फडणवीस को जारी नोटिस में कहा गया है कि इससे पहले मामले से जुड़े सवालों को सीलबंद लिफाफे में भेजा गया था लेकिन उन्होंने उनका जवाब नहीं दिया. इसके अलावा उन्हें जवाब देने के लिए दो बार नोटिस जारी किया लेकिन उसका भी जवाब नहीं दिया गया.’’ उन्होंने बताया कि इनके अलावा फडणवीस को तीन पत्र भेजे गए जिनमें पुलिस के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ने उनका भी कोई जवाब नहीं दिया. उल्लेखनीय है कि कथित रूप से फोन टैप करने और गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के मामले में पिछले साल बीकेसी साइबर पुलिस थाने में सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस मामले में शिकायत राज्य खुफिया विभाग ने दर्ज कराई थी.

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