कैंटीन कर्मी पर हमला मामले की जांच के लिए पुलिस औपचारिक शिकायत का इंतज़ार नहीं करे: CM देवेंद्र फडणवीस

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि ‘बासी खाना’ परोसने के आरोप में शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा एक कैंटीन कर्मचारी पर हमला किए जाने की घटना की जांच शुरू करने के लिए पुलिस को किसी औपचारिक शिकायत की प्रतीक्षा करने की कोई आवश्यकता नहीं है.

Devendra Fadnavis

मुंबई, 11 जुलाई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि ‘बासी खाना’ परोसने के आरोप में शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा एक कैंटीन कर्मचारी पर हमला किए जाने की घटना की जांच शुरू करने के लिए पुलिस को किसी औपचारिक शिकायत की प्रतीक्षा करने की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्होंने यहां विधानभवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि पुलिस को मामले की जांच करनी चाहिए और अगर यह संज्ञेय अपराध है, तो वे उचित कार्रवाई करेंगे. एक वायरल वीडियो में गायकवाड़ ‘एमएलए हॉस्टल’ की कैंटीन में ‘बासी खाना’ परोसने पर एक कर्मचारी के साथ मारपीट करते हुए दिख रहे हैं. सरकार और विपक्ष ने इस घटना की व्यापक निंदा की है. इससे पहले, मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा था कि विधायकों का इस तरह का आचरण गलत संदेश देता है.

इससे पहले, गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने कहा कि पुलिस गायकवाड़ के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती, क्योंकि इस संबंध में उनके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. कदम और गायकवाड़ उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के सदस्य हैं. कदम के बयान के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा, ‘‘पुलिस को हमले की जांच करनी चाहिए. जांच शुरू करने के लिए किसी शिकायत की कोई ज़रूरत नहीं है. अगर यह संज्ञेय अपराध है, तो पुलिस उचित कार्रवाई करेगी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह समझना ज़रूरी है कि कुछ अपराध संज्ञेय होते हैं, जबकि कुछ असंज्ञेय. किसी अपराध की श्रेणी किए गए बल प्रयोग के आधार पर तय होती है. पुलिस को अपना काम करने दीजिए, वे उचित कार्रवाई करेंगे.’’ यह भी पढ़ें : Nitesh Rane on Raj Thackeray: ‘हम हिंदुओं के चौकीदार, कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता’, नितेश राणे ने राज ठाकरे को फिर दिया चैलेंज

गायकवाड़ ने मंगलवार रात दक्षिण मुंबई स्थित आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल कैंटीन से रात का खाना मंगवाया था और पाया कि उन्हें भेजा गया खाना ‘बासी और बदबूदार’ था. इससे नाराज़ होकर, उन्होंने कैंटीन के एक संचालक पर हमला किया. प्रत्यक्षदर्शियों ने पुष्टि की कि वह गुस्से में थे और एक कैंटीन संचालक पर हमला किया. विधायक ने दावा किया कि ऐसा खाना परोसकर कैंटीन संचालक 'लोगों की जान से खेल रहे हैं.' इस घटना के बाद आलोचनाओं के बावजूद विधायक अपने रुख पर अड़े रहे और कहा कि कैंटीन कर्मचारी के साथ उनका मारपीट करना भले ही कठोर रहा हो, लेकिन इससे सरकार ने भोजन की गुणवत्ता को लेकर त्वरित कार्रवाई की, जबकि पहले कई बार शिकायत की गई थी. बुधवार शाम महाराष्ट्र खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) ने यह कहते हुए कैंटीन चलाने वाले कैटरर का लाइसेंस निलंबित कर दिया कि निरीक्षण के दौरान खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन पाया गया.

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