Pakistan Elections: इमरान का दावा है कि उनकी पार्टी आठ फरवरी को सबको हैरान कर देगी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उनकी पार्टी आठ फरवरी की अपने 'प्लान सी' से सबको हैरान कर देगी।

इस्लामाबाद, 17 जनवरी: पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उनकी पार्टी आठ फरवरी की अपने 'प्लान सी' से सबको हैरान कर देगी. उन्होंने कहा कि यह योजना अपने 'प्लान ए' और 'प्लान बी' के विफल होने के बाद तैयार की गई है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक खान (71) कई मामलों को लेकर जेल में बंद हैं. उनकी पार्टी को ‘क्रिकेट का बल्ला’ चुनाव चिह्न देने से इनकार कर दिया गया है, जो पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर का पर्याय बन गया था.

पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने उनका और उनकी पार्टी के नेताओं का नामांकन पत्र भी खारिज कर दिया है. समाचार पत्र डॉन ने बुधवार को बताया कि खान ने अपनी राजनीतिक पार्टी पर लंबी कार्रवाई के बावजूद रावलपिंडी की अडियाला जेल में संवाददाताओं से चौंकाने वाले 'प्लान सी' के बारे में दावे किए. ये पत्रकार मंगलवार को जेल में उनके खिलाफ चल रहे सिफर मामले सहित अन्य मामलों की कार्यवाही को कवर करने के लिए एकत्रित हुए थे.

हालांकि, खान ने यह नहीं बताया है कि 'प्लान सी' से उनका क्या मतलब है. डॉन के अनुसार, पीटीआई के अध्यक्ष गौहर अली खान ने एक दिन पहले कहा था कि उक्त योजना उनके चुनाव चिह्न 'बल्ले' को खो देने के बाद पार्टी की आरक्षित सीटों को बरकरार रखने से जुड़ी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 'प्लान बी' स्पष्ट रूप से एक सौदा था, जिसे पीटीआई ने अपने से अलग हुए समूह 'पीटीआई-नजरियाती' के साथ 'बल्लेबाज' चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने के लिए हस्ताक्षरित किया था, (लेकिन) जिसे ईसीपी ने विफल कर दिया था.

‘द न्यूज इंटरनेशनल’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने मंगलवार को अपने मुकदमे का सीधा प्रसारण किये जाने की भी मांग की, ताकि देश को पता चल सके कि अदालत में क्या हो रहा है. पीटीआई के संस्थापक ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को पता था कि साजिशकर्ता उनकी योजनाओं को बर्बाद कर देंगे, इसलिए उन्होंने वैकल्पिक रणनीतियों पर काम किया है.

रिपोर्ट में बताया गया है कि खान ने सिफर मुद्दे के बारे में भी बात की और कहा कि पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने उन्हें सिफर मुद्दे पर चुप रहने के लिए दो-तिहाई बहुमत की पेशकश की थी और सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे को उजागर करने की कोशिश करने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी.

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