पाक अदालत ने जांच एजेंसी को मारे गए तालिबान प्रमुख की सम्पत्ति का ब्योरा पेश करने का आदेश दिया

कराची की अदालत ने शनिवार को एजेंसी को मंसूर की कुर्क संपत्तियों का विवरण पेश करने का आदेश दिया जो उसने अपनी मृत्यु से पहले कथित तौर पर कराची, क्वेटा और पेशावर में जाली दस्तावेजों का उपयोग करके खरीदी थीं।

इस्लामाबाद, 12 अप्रैल पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) से 2016 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए अफगान तालिबान प्रमुख मुल्ला अख्तर मंसूर की संपत्तियों की कुर्की का ब्योरा पेश करने को कहा है।

कराची की अदालत ने शनिवार को एजेंसी को मंसूर की कुर्क संपत्तियों का विवरण पेश करने का आदेश दिया जो उसने अपनी मृत्यु से पहले कथित तौर पर कराची, क्वेटा और पेशावर में जाली दस्तावेजों का उपयोग करके खरीदी थीं।

अदालत ने एजेंसी को यह भी निर्देश दिया कि वह मारे गए तालिबान नेता के दो कथित सहयोगियों को भगोड़ा घोषित करने पर भी एक रिपोर्ट पेश करे, जो जुलाई 2019 में दायर आतंक के वित्तपोषण और धनशोधन एक मामले में फरार हैं।

मामले की सुनवायी 20 अप्रैल तक स्थगित कर दी गई है।

मंसूर 21 मई 2016 को पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था। उसने जुलाई 2015 में आतंकवादी समूह का नेतृत्व संभाला था और उसने तालिबान संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर की जगह ली ली जिसकी 2013 में मौत हो गई थी।

एफआईए ने मंसूर, अख्तर मोहम्मद और अम्मार को आतंकवाद निरोधक अधिनियम, 1997 की धारा 11एच के तहत दर्ज एक मामले में आरोपी बनाया था और उन पर पाकिस्तान दंड संहिता की धाराओं में भी आरोप लगाया था।

अफगान तालिबान नेता ने कथित तौर पर जाली पहचान के आधार पर पांच संपत्तियां खरीदी थीं।

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