ताजा खबरें | विपक्ष ने बजट में महंगाई, बेरोजगारी, कृषि संकट पर सरकार को घेरा

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने केंद्रीय बजट में बेरोजगारी, महंगाई, कृषि संकट और कई अन्य चुनौतियों से निपटने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि सरकारी उपक्रमों के निजीकरण, ‘‘कुछ बड़े उद्योगपतियों के लिए काम करने वाली’’ इस सरकार ने देश की जनता की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं के साथ ‘महाविश्वासघात’ किया है।

नयी दिल्ली, सात फरवरी कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने केंद्रीय बजट में बेरोजगारी, महंगाई, कृषि संकट और कई अन्य चुनौतियों से निपटने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि सरकारी उपक्रमों के निजीकरण, ‘‘कुछ बड़े उद्योगपतियों के लिए काम करने वाली’’ इस सरकार ने देश की जनता की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं के साथ ‘महाविश्वासघात’ किया है।

वहीं, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर नदी जोड़ो परियोजनाओं, गांवों तक बिजली और नलजल पहुंचाने, सुदूर इलाकों में रेल सम्पर्क पहुंचाने जैसे अनेक कल्याणकारी कार्यों को वर्षो तक नजरंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अगले 25 साल के ‘रोडमैप’ के साथ काम कर रही है।

लोकसभा में वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट पर सामान्य चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने यह आरोप भी लगाया कि ‘‘मानो किसानों के लिए यह ‘रिवेंज बजट’ (बदला लेने वाला बजट) है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड महामारी की दूसरी लहर में देश के लोगों को बहुत दुख का सामना करना पड़ा। आज 5 लाख लोगों की मौत की बात आधिकारिक रूप से दर्ज है, अनाधिकारिक रूप से यह कहीं ज्यादा है।’’

लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘लोगों को उम्मीदें थीं। पहली यह है कि सरकार यह स्वीकार करेगी कि देश मुश्किल का सामना कर रहा है। बेरोजगारी चरम स्तर पर है। करोड़ों लोग गरीबी से घिर गए हैं, मध्य वर्ग के लोग महंगाई से परेशान हैं।’’

उनके मुताबिक, लोगों को यह उम्मीद भी थी कि ‘‘सरकार की ओर से पैदा की गई त्रासदियों’’ को दूर करने के लिए वह ठोस कदम उठाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि आयकर कम करके या आयकर की सीमा बढ़ाकर मध्य वर्ग को राहत दी जा सकती थी, आर्थिक असमानता को दूर करने का प्रयास हो सकता था, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देकर और उर्वरकों पर छूट देकर मदद की जा सकती थी।

उन्होंने कहा कि लोगों को राहत देने की बजाय इस बजट में विपरीत किया गया। थरूर ने कहा कि मनरेगा का बजट काट दिया गया, महंगाई को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए।

चर्चा में हिस्सा लेते हुए, भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि कांग्रेस ने सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया है, लेकिन बजट में घोषित आवंटनों और परियोजनाओं को देखते हुए यह बात खारिज हो जाती है।

उन्होंने कहा कि केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना पर कांग्रेस ने 60 तक कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय इसे आगे बढ़ाया गया था, लेकिन 2004 में कांग्रेस की सरकार आते ही इस योजना पर रोक लगाने का निर्णय ले लिया गया।

दुबे ने कहा कि मोदी सरकार ने न केवल नदी जोड़ो परियोजना को आगे बढ़ाया बल्कि इस बजट में केन-बेतवा के अलावा देश की अन्य परियोजनाओं के लिए भी आवंटन किया गया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह देश का बजट नहीं है।

दुबे ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की सुध ली जिन पर वर्षो तक ध्यान नहीं दिया गया था ।

उन्होंने कहा कि इस बजट में पहली बार यह दिखाई दे रहा है कि गंगा के पांच किलोमीटर के दायरे में जैविक खेती के लिए सरकार कटिबद्ध है। दुबे ने कहा कि एक तरफ किसानों को जैविक खेती की तरफ बढ़ाना और दूसरी तरफ रासायनिक उर्वरकों, बाढ़ के कारण खेतों को होने वाले नुकसान से उन्हें बचाने की सोचना...इसमें कौन सी राजनीति है।

दुबे ने कहा कि क्या गरीबों को रेल देखने का अधिकार नहीं है, क्या आज पीएम गतिशक्ति काम नहीं कर रही? आज सुदूर इलाकों में रेल पहुंच रही है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में बजट में केवल घोषणाएं नहीं होतीं, बल्कि उन्हें पूरा करने की योजना पहले बनाई जाती है।

भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘बजट में हमने 25 साल का सपना देखा है। देश की आजादी को 75 साल हो रहे हैं और 100 साल पूरे होने पर गांव, गरीब का हाल कैसा होगा, इस बजट में यह परिलक्षित होता है।’’

तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि वह भी उम्मीद कर रहे थे कि वित्त मंत्री को सदन में मौजूद होना चाहिए था।

उन्होंने बजट को निराशाजनक करार दिया और कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और सरकारी बैंकों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है।

बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘एमएसएमई को अधिक वित्तीय सहयोग देने की जरूरत है क्योंकि यही क्षेत्र अधिक संख्या में रोजगार का सृजन कर सकता है।’’

जारी दीपक हक वैभव

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