देश की खबरें | बिहार विधानसभा में विपक्ष के विधायक ने मुख्यमंत्री के लिए आरक्षित सीट पर बैठने की धमकी दी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बिहार विधानसभा में बृहस्पतिवार को उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई, जब विपक्ष के एक विधायक ने मुख्यमंत्री के लिए आरक्षित सीट पर बैठने की धमकी दी।
पटना, 28 नवंबर बिहार विधानसभा में बृहस्पतिवार को उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई, जब विपक्ष के एक विधायक ने मुख्यमंत्री के लिए आरक्षित सीट पर बैठने की धमकी दी।
यह समस्या उस वक्त शुरू हुई जब प्रश्नकाल के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन से बाहर चले गए।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता आलोक मेहता अपनी पार्टी के बागी विधायकों के सत्ता पक्ष के लिए निर्धारित सीट पर बैठने को लेकर आपत्ति जताने के वास्ते खड़े हुए।
मेहता ने कहा, ‘‘बैठने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। अगर लोग अपनी मर्जी से (जहां-तहां) सीट पर बैठेंगे, तो इससे अव्यवस्था पैदा होगी।’’
इस बीच राजद, कांग्रेस और तीन वाम दलों के अन्य विपक्षी विधायक भी नारेबाजी करते हुए सदन के बीचों-बीच आ गए।
सदन के अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि जब तक वे अपनी सीट पर वापस नहीं चले जाते, तब तक उनकी कही हुई कोई भी बात रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होगी।
जब मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र मुख्यमंत्री की सीट के सामने खड़े हो गए और ऐसा जाहिर करने लगे कि वह उस सीट पर बैठने जा रहे हैं, तो सदन अध्यक्ष चिंतित दिखे और उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा मत करें। इसके गंभीर परिणाम होंगे।’’
अध्यक्ष ने मार्शल बुलाकर राजद विधायक को बाहर निकालने की भी चेतावनी दी और उन्होंने मार्शलों को बुलाया भी, लेकिन विपक्षी सदस्यों को सदन से बाहर निकालने का आदेश देने के बजाय कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित करना उचित समझा।
इसके बाद प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अध्यक्ष के कक्ष में उनसे कुछ देर बात की और फिर मीडिया से कहा, ‘‘हमारी शिकायत इस साल की शुरुआत में दलबदल करने वाले सभी विधायकों को अयोग्य ठहराने की हमारी याचिका पर अध्यक्ष द्वारा फैसला न कर पाने के खिलाफ है।’’
उल्लेखनीय है कि बजट सत्र में कम से कम सात विधायक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गए थे। इनमें से पांच राजद और दो कांग्रेस विधायक थे।
यादव ने कहा कि इन विधायकों को सत्ता पक्ष में बैठने की अनुमति देना 'एकतरफ़ा' है। उन्होंने दावा किया कि अध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि शिकायत पर जल्द ही विचार किया जाएगा।
राजद विधायक भाई वीरेंद्र से जब पत्रकारों ने इस संबंध में सवाल पूछे तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं सिर्फ़ एक बात साबित करना चाहता था। मेरा इरादा चेतावनी देना था, न कि उस सीट पर बैठना था। अध्यक्ष को या तो बागियों को अयोग्य घोषित करना चाहिए या उन्हें दूसरी तरफ़ बैठने का निर्देश देना चाहिए।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)