देश की खबरें | पीएम-श्री योजना की आलोचना पर केंद्रीय मंत्रियों ने कहा-‘बयानबहादुरों’ की बातों पर नहीं देते ध्यान
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नयी दिल्ली, सात सितंबर पीएम-श्री स्कूल योजना की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा की गई आलोचना पर केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान एवं अनुराग ठाकुर ने पलटवार करते हुए कहा कि ‘शराबखाने’ में व्यस्त लोगों द्वारा स्कूलों को ‘कबाड़खाना’ कहना दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसे ‘बयानबहादुरों’ की बातों पर वह ध्यान नहीं देते ।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद धर्मेन्द्र प्रधान ने संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘ कुछ लोगों ने बयान को ही अपना काम मान लिया है । ऐसे लोगों को मैं बयानबहादुर कहता हूं और इनके पत्र को मैंने समझने का प्रयास किया । ’’
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि देश में 80 फीसदी से ज्यादा सरकारी स्कूल कबाड़खानों से भी बदतर हैं।
केजरीवाल पर परोक्ष निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इन बयानबहादुर ने ऐसे समय में सरकारी स्कूलों को कबाड़खाना कहा जब दो दिन पहले ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने देश के शिक्षकों को सम्मानित किया ।
प्रधान ने कहा कि वे उन शिक्षकों का आभार प्रकट करना चाहेंगे जो स्कूलों को अपने बच्चे की तरह संभालते हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ देश के एक राज्य के जिम्मेदार पद पर बैठे बयानबहादुर की टिप्पणी खेदजनक है। ’’
उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर शिक्षा को लेकर बड़बोलापन दिखाने का आरोप भी लगाया ।
वहीं, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘‘शराबखाने में व्यस्त लोग स्कूलों को कबाड़खाना कहे, तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। ’’
दूसरी ओर, शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आरोप लगाया कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद से राज्य के सरकारी स्कूलों में छात्रों के नामांकन में गिरावट आई है।
उन्होंने यह भी कहा कि इन्होंने (केजरीवाल सरकार) अपने घोषणापत्र में दिल्ली में 500 मॉडल स्कूल खोलने का वादा किया था, लेकिन पिछले 7-8 वर्षों में केवल 63 स्कूल खोल पाये । उन्होंने राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए दिल्ली के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठायें ।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि देश में 80 फीसदी से ज्यादा सरकारी स्कूल कबाड़खानों से भी बदतर हैं।
केजरीवाल ने हिंदी में लिखे पत्र में कहा, “ देशभर में रोज़ 27 करोड़ बच्चे स्कूल जाते हैं। इनमें से लगभग 18 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं। 80 प्रतिशत से ज्यादा सरकारी स्कूलों की हालत किसी कबाड़खाने से भी ज्यादा खराब है। अगर करोड़ों बच्चों को हम ऐसी शिक्षा दे रहे हैं तो सोचिए भारत कैसे विकसित देश बनेगा?”
इससे पहले केजरीवाल ने मंगलवार को कहा था कि 14,500 स्कूलों को आधुनिक करने का प्रधानमंत्री का फैसला ‘ समंदर में एक बूंद’ के बराबर है। केजरीवाल ने देश के सभी 10 लाख सरकारी स्कूलों के उन्नयन की योजना लाने के लिए फिर से जोर दिया।
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