विदेश की खबरें | क्रीमिया में रूसी ‘एयर बेस’ पर हुए भीषण विस्फोटों में रूस के नौ लड़ाकू विमान तबाह
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

ऐसा प्रतीत होता है कि यह हमला यूक्रेन ने किया था और इससे दोनों देशों के बीच जारी युद्ध के और भीषण रूप अख्तियार करने की आशंका है।

रूस ने मंगलवार को हुए इन विस्फोटों में किसी भी लड़ाकू विमान के क्षतिग्रस्त होने की बात से इनकार किया था और यहां तक कि उसने किसी तरह के हमले की खबर को भी खारिज कर दिया था। वहीं, उपग्रह से ली गई तस्वीरों में वायु सेना के एक अड्डे पर कम से कम सात लड़ाकू विमानों में आग लगी नजर आ रही है और अन्य क्षतिग्रस्त दिख रहे हैं।

यूक्रेन के अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से अभी तक इन विस्फोटों की जिम्मेदारी नहीं ली है, जबकि ‘साकी एयर बेस’ पर आग लगने तथा विस्फोट के लिए रूस के अग्नि सुरक्षा के नियमों और अनिर्दिष्ट स्थानों में धूम्रपान निषेध होने के नियमों के प्रति लापरवाही पर सवाल उठाए हैं।

विश्लेषकों का भी कहना है कि इस स्पष्टीकरण के कोई मायने नहीं हैं और संभवत: यूक्रेन ने हमला करने के लिए जहाज-रोधी मिसाइलों का इस्तेमाल किया है।

इस साल फरवरी में रूस ने यूक्रेन में अपनी सैन्य कार्रवाई शुरू की थी और अगर वास्तव में यूक्रेन द्वारा यह हमला किया गया है, तो यह उसका क्रीमिया प्रायद्वीप में किसी रूसी सैन्य ठिकाने पर पहला बड़ा हमला होगा।

साकी से ही रूसी युद्धक विमानों ने यूक्रेन के दक्षिणी इलाकों को निशाना बनाया था। मंगलवार को यहां हुए विस्फोटों में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि 14 अन्य घायल हो गए। धुएं का गुबार उठने से दहशत में भागते पर्यटकों के वीडियो सामने आए हैं। वीडियो में कुछ इमारतों में दरारें और टूटी खिड़कियां भी नजर आ रही हैं।

क्रीमिया के क्षेत्रीय नेता सर्गेई अक्स्योनोव ने बताया कि कई इमारतों के क्षतिग्रस्त होने के बाद करीब 250 लोगों को अस्थायी आवास में ठहराया गया है।

इससे पहले, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्तोविच ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में रहस्यमय ढंग से कहा कि विस्फोट या तो यूक्रेन के लंबी दूरी के हथियार के कारण हुए या यह क्रीमिया में सक्रिय कट्टरपंथियों का काम है।

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