देश की खबरें | एनआईए ने दो शीर्ष माओवादी नेताओं के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बिहार के मगध क्षेत्र में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) को फिर से मजबूत करने की एक साजिश से संबंधित एक मामले में प्रतिबंधित संगठन के पोलित ब्यूरो सदस्य समेत दो शीर्ष नेताओं के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।

नयी दिल्ली, सात फरवरी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बिहार के मगध क्षेत्र में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) को फिर से मजबूत करने की एक साजिश से संबंधित एक मामले में प्रतिबंधित संगठन के पोलित ब्यूरो सदस्य समेत दो शीर्ष नेताओं के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।

एजेंसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि भाकपा (माओवादी) के उत्तर क्षेत्रीय ब्यूरो प्रमुख और पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा उर्फ ‘सोहन दा’ उर्फ ‘बनवारी जी’ उर्फ ‘बीबी जी’ उर्फ ‘बाबा’ और सब-जोनल कमेटी सदस्य अनिल यादव उर्फ ‘अंकुश’ उर्फ ‘लवकुश’ के खिलाफ एक विशेष अदालत में आरोपपत्र दायर किया गया।

एनआईए ने कहा कि मिश्रा और यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत कई मामले दर्ज हैं।

मिश्रा औरंगाबाद और यादव गया का रहने वाला है।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बिहार और झारखंड के विभिन्न पुलिस थानों में मिश्रा के खिलाफ 47 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा, यादव के खिलाफ बिहार में छह आपराधिक मामले दर्ज हैं।’’

अधिकरी ने बताया कि जांच में पता चला कि दोनों, क्षेत्र में प्रतिबंधित नक्सली संगठन को पुनर्जीवित करने के प्रयासों में लगे हुए थे।

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘वे आपस में पत्राचार कर रहे थे और युवाओं को भाकपा (माओवादी) में शामिल करने के लिए प्रेरित कर रहे थे, इसके अलावा क्षेत्र में अपनी गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए ईंट भट्ठा मालिकों से लेवी भी वसूल रहे थे।’’

एनआईए ने कहा कि जांच से यह भी पता चला है कि मिश्रा और यादव, अन्य सह-आरोपियों के साथ, ‘भाकपा (माओवादी) की झूठी और विद्रोही विचारधारा’ का प्रचार कर रहे थे तथा देश में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने के उद्देश्य से गैरकानूनी और हिंसक गतिविधियों में शामिल थे।

अधिकारी ने कहा कि संगठन के शीर्ष नेता होने के नाते मिश्रा को देश भर से संगठन के वरिष्ठ सदस्य नियमित रूप से अपने-अपने क्षेत्रों में गतिविधियों और घटनाक्रम के बारे में जानकारी देते थे।

एनआईए ने पिछले साल 31 अगस्त को मामले की जांच शुरू की थी। गिरफ्तारी के समय दोनों आरोपियों के कब्जे से नक्सल संबंधी साहित्य, हस्तलिखित पत्र और मेमोरी कार्ड जब्त किए गए थे।

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