देश की खबरें | एनआईए ने उत्तर प्रदेश में भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों को रोकने के लिए छापेमारी की
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नयी दिल्ली, छह सितंबर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने उत्तर प्रदेश में अपनी गतिविधियां फिर से शुरू करने संबंधी प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के प्रयासों को विफल करने के लिए राज्य में आठ स्थानों पर छापेमारी की । एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि प्रयागराज, चंदौली, वाराणसी, देवरिया और आजमगढ़ जिलों में आरोपियों एवं संदिग्धों के परिसरों पर छापा मारा गया है।
उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान मोबाइल फोन, सिमकार्ड, लैपटॉप, पेनड्राइव और कपैक्ट डिस्क, नक्सली साहित्य, किताबें , पर्चे, पॉकेट डायरी, शुल्क रसीद बुक और अन्य सामग्रियां जब्त की गयी हैं।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ जांच से इस बात का संकेत मिलता है कि भारत सरकार के खिलाफ लड़ाई छेड़ने के मकसद से कई अग्रिम संगठनों एवं छात्र शाखाओं को नये रंगरूटों को प्रेरित करने और उनकी भर्ती करने तथा भाकपा (माओवादी) की विचारधारा का प्रचार करने का जिम्मा सौंपा गया है।’’
उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया कि हाल में गिरफ्तार भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सदस्य प्रमोद मिश्रा प्रदेश में इस वाम चरमपंथी संगठन को फिर से खड़ा करने के प्रयास के तहत कार्यकर्ताओं और संगठन के लिए काम करने वालों की अगुवाई कर रहा था।
पिछले महीने बिहार पुलिस ने रितेश विद्यार्थी के भाई रोहित विद्यार्थी को गिरफ्तार किया था। रितेश विद्यार्थी की पत्नी का नाम इस मामले की प्राथमिकी में दर्ज है।
प्रवक्ता ने बताया कि रोहित विद्यार्थी से की गयी पूछताछ के आधार पर राज्य पुलिस ने मिश्रा को गिरफ्तार किया जो भाकपा (माओवादी) के उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो (एनआरबी) का प्रभारी भी है।
एनआईए ने कहा कि इन गिरफ्तारियों के बाद पुलिस ने हथियार एवं गोला बारूद जब्त किया तथा बंदूक बनाने की फैक्टरी का भंडाफोड़ किया।
प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले के सिलसिले में एनआईए द्वारा पहले दर्ज की गयी प्राथमिकी में मनीष आजाद, उसकी पत्नी अमिता शिरीन, रितेश विद्यार्थी तथा उसकी पत्नी सोनी आजाद, उनके सहयोगी विश्वविजय, उसकी पत्नी सीमा आजाद, कृपा शंकर, आकांक्षा आजाद और राजेश आजाद जैसे अहम आरोपी नामजद हैं जो इन प्रदेशों में फिर से भाकपा माओवादी को खड़ा करने की कोशिश के लिए काम कर रहे थे।
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