देश की खबरें | पंजाब और हरियाणा में कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन, किसानों ने सड़के अवरुद्ध कीं

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी 'चक्का जाम' के तहत किसानों ने बृहस्पतिवार को पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर सड़के अवरुद्ध करते हुए इन कानूनों को वापस लेने की मांग की।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

चंडीगढ़, पांच नवंबर केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी 'चक्का जाम' के तहत किसानों ने बृहस्पतिवार को पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर सड़के अवरुद्ध करते हुए इन कानूनों को वापस लेने की मांग की।

दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक के इस राष्ट्रव्यापी 'चक्का जाम' का आह्वान अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने किया है।

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चालीस से अधिक संगठनों से संबंध रखने वाले प्रदर्शनकारी किसानों ने कई जगहों पर राजकीय और राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध किया जिसके चलते यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

इस दौरान पुलिस ने कई जगहों पर यातायात का मार्ग बदला इसके बावजूद यात्रियों को मुश्किल का सामना करना पड़ा है।

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प्रदर्शनकारियों ने ''काले कानून'' लाने के लिये भाजपा नीत केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए आशंका जतायी कि इन कानूनों से कृषक समुदाय बर्बाद हो जाएगा और इनसे केवल बड़े कारोबारी घरानों को ही 'फायदा' पहुंचेगा।

पंजाब के किसान संगठनों ने राज्य में मालगाड़ियों पर रोक लगाने के लिये भी केन्द्र सरकार पर निशाना साधा, जिसके चलते राज्य में कोयले, उर्वरकों और अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति प्रभावित हुई है।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के सदस्य जगमोहन सिंह ने दावा किया कि किसानों ने पंजाब और हरियाणा में प्रमुख राष्ट्रीय तथा राजकीय राजमार्गों समेत करीब 200 जगहों पर डेरा जमा लिया।

पुलिस ने कहा कि चक्का जाम शांतिपूर्ण रहा।

भारतीय किसान संघ (एकता उग्रहान) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा कि उन्होंने चक्का जाम प्रदर्शन के तहत संगरूर, बठिंडा, मनसा, बरनाला, पटियाला में 35 जगहों पर सड़कों को अवरुद्ध किया है।

किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव श्रवण सिंह पंढेर ने कहा कि समितियों ने पंजाब के 10 लिजों में 45 जगहों पर चक्का जाम किया है।

इससे पहले भारतीय किसान यूनियन (चरूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने कहा कि उन्होंने हरियाणा में करनाल, रोहतक, कैथल, जींद, हिसार और फतेहाबाद समेत लगभग 20 जगह प्रदर्शन करने की योजना बनाई है।

भठिंडा में एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा कि राज्य में मालगाड़ियों को निरस्त कर नरेन्द्र मोदी सरकार किसानों के आंदोलन को 'बदनाम और अस्थिर करना चाहती है।

गौरतलब है कि रेलवे ने कुछ रेल पटरियों पर किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर मालगाडियों का संचालन बंद कर दिया है, जिसके चलते पंजाब में कोयला समेत की जरूरी सामानों की आपूर्ति प्रभावित हुई है।

जोहेब पवनेश

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