विदेश की खबरें | म्यामां ने स्वतंत्रता दिवस पर हजारों कैदियों को रिहा किया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. जेल में बंद सैकड़ों राजनीतिक बंदियों में से कुछ कैदियों को इसके तहत माफी मिली है। सैन्य शासन के विरोध पर इन लोगों को जेल भेजा गया था। फरवरी 2021 में आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को बेदखल कर सेना ने सत्ता पर कब्जा कर लिया था।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

जेल में बंद सैकड़ों राजनीतिक बंदियों में से कुछ कैदियों को इसके तहत माफी मिली है। सैन्य शासन के विरोध पर इन लोगों को जेल भेजा गया था। फरवरी 2021 में आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को बेदखल कर सेना ने सत्ता पर कब्जा कर लिया था।

इसके बाद सैन्य शासन को बड़े पैमाने पर अहिंसक प्रतिरोध का सामना करना पड़ा जो इसके बाद एक व्यापक सशस्त्र संघर्ष बन गया है।

सरकारी एमआरटीवी टेलीविजन ने बताया कि सैन्य सरकार के प्रमुख (वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग) ने म्यामां के 5,864 कैदियों के साथ-साथ 180 विदेशियों को भी माफी दी है, जिन्हें निर्वासित किया जाएगा।

म्यामां में छुट्टियों और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर बड़े पैमाने पर कैदियों की रिहाई आम बात है। रिहाई की शर्तों में चेतावनी दी गई है कि यदि मुक्त किए गए बंदी दोबारा कानून का उल्लंघन करते हैं, तो उन्हें किसी भी नई सजा के अलावा अपनी मूल सजा की शेष अवधि भी काटनी होगी।

एक अलग रिपोर्ट में कहा गया कि मिन आंग ह्लाइंग ने 144 कैदियों की आजीवन कारावास की सजा को 15 साल की कैद में तब्दील कर दिया।

सैन्य सरकार के प्रवक्ता मेजर जनरल जॉ मिन टुन ने पत्रकारों को भेजे एक ऑडियो नोट में कहा कि रिहा किए जा रहे लोगों में लगभग 600 कैदी शामिल हैं, जिन पर म्यामां की दंड संहिता की धारा 505 (ए) के तहत मुकदमा चलाया गया था। म्यामां की दंड संहिता की धारा 505 (ए) के तहत सार्वजनिक अशांति या भय पैदा करने वाली टिप्पणियां प्रसारित करना या झूठी खबरें फैलाना अपराध है।

उन्होंने कहा कि रिहा किये गये लोगों में दक्षिणी काचिन राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री खेत आंग भी शामिल हैं।

इस बात का कोई संकेत नहीं है कि रिहा कैदियों में आंग सान सू ची को भी शामिल किया जाएगा, जिन्हें सत्ता पर कब्जा करने के बाद से सेना ने लगभग गुमनामी में रखा है। सू ची (79) 27 साल के कारावास की सजा काट रही हैं।

कैदियों की रिहाई शनिवार को शुरू हो गई लेकिन इसमें कुछ दिन लग सकते हैं।

म्यामां 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश उपनिवेश बना और 4 जनवरी 1948 को उसे पुनः स्वतंत्रता प्राप्त हुई।

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