देश की खबरें | महाराष्ट्र में एमवीए की जीत से केंद्र सरकार को झटका लगेगा: आव्हाड

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया है कि अगर महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) सत्ता में आई, तो जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नीतीश कुमार और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे।

ठाणे, तीन नवंबर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया है कि अगर महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) सत्ता में आई, तो जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नीतीश कुमार और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे।

मुंब्रा-कलवा विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक आव्हाड ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह एक ‘‘पॉकेटमार गिरोह’’ का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसने राकांपा का नाम और चुनाव चिह्न चुरा लिया है।

इस बार भी राकांपा के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे आव्हाड ने राज्य की ‘‘वित्तीय अस्थिरता’’ को लेकर एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना साधा और भाजपा व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर देश में शांति भंग करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

शनिवार को ठाणे के पास मुंब्रा में एक रैली में आव्हाड ने दावा किया कि 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद अगर विपक्षी गठबंधन एमवीए सरकार बनाता है, तो भाजपा के सहयोगी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे।

आव्हाड ने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा कि एक बार सत्ता में आने के बाद एमवीए “3,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पुलिस के वेतन जैसे आवश्यक खर्चों को भी पूरा नहीं कर सकती है।

आव्हाड ने कहा कि पिछले साल राकांपा में विभाजन कराने वाले उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने चाचा और पार्टी संस्थापक शरद पवार को संगठन की गतिविधियों से अलग कर दिया था। उन्होंने अजित पवार पर “आरएसएस की विचारधाराओं की ओर भटकने” का भी आरोप लगाया।

आव्हाड ने कहा, ‘‘यह पॉकेटमार गिरोह है। अगर अजित पवार इतने साहसी होते तो वह भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करते।’’

आव्हाड के इस तंज पर मंत्री और राकांपा नेता छगन भुजबल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें (आव्हाड) को अपने शब्दों पर ध्यान देना चाहिए।

भुजबल ने कहा, ‘‘पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर फैसला न्यायालय और भारत के निर्वाचन आयोग ने दिया है। ऐसी टिप्पणी करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।’’

ठाणे के राकांपा नेता आनंद परांजपे ने भी आव्हाड पर निशाना साधा और उन्हें एहसान फरामोश करार दिया।

परांजपे ने विधायक की पत्नी के बयान का एक पुराना वीडियो दिखाते हुए दावा किया कि आव्हाड को पहले अजित पवार के कारण ही मंत्री पद मिला था।

परांजपे ने आव्हाड की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘यदि उनमें जरा भी गरिमा है तो उन्हें इस मदद के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए।"

आव्हाड ने दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार राज्य में सांप्रदायिक हिंसा रोकने में विफल रही है और उन्होंने इस्लाम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपी धार्मिक नेता रामगिरि महाराज के साथ मंच साझा करने के लिए मुख्यमंत्री शिंदे की आलोचना की।

मुंब्रा-कलवा निर्वाचन क्षेत्र में तीन बार के विधायक आव्हाड का मुकाबला राकांपा के नजीब मुल्ला से है।

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