जरुरी जानकारी | मौद्रिक नीति पर निर्णय लेने वाली एमपीसी की बैठक शुरू, यथास्थिति बने रहने की संभावना
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक मंगलवार से शुरू हो गई। तीन दिन तक चलने वाली में नीतिगत ब्याज दर पर फैसला किया जाएगा।
मुंबई, छह अगस्त भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक मंगलवार से शुरू हो गई। तीन दिन तक चलने वाली में नीतिगत ब्याज दर पर फैसला किया जाएगा।
हालांकि, मुद्रास्फीति से जुड़ी चिंताओं और आर्थिक वृद्धि की मजबूत रफ्तार को देखते हुए इस बैठक में नीतिगत ब्याज दर में किसी बदलाव की कम संभावना ही जताई जा रही है।
एमपीसी नीतिगत दरों में किसी भी बदलाव के बारे में फैसला करने वाली सर्वोच्च इकाई है। इस बैठक की अध्यक्षता भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास करेंगे।
इस बैठक में लिए जाने वाले फैसलों की घोषणा बृहस्पतिवार को आरबीआई गवर्नर करेंगे।
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि एमपीसी पिछली कई बैठकों की तरह इस बार भी नीतिगत रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला कर सकती है। खुदरा मुद्रास्फीति के स्तर को लेकर जुड़ी चिंताएं और आर्थिक वृद्धि की रफ्तार कायम रहना इसकी वजह हो सकती हैं।
जून में खुदरा मुद्रास्फीति चार महीनों के उच्च स्तर 5.08 प्रतिशत पर पहुंच गई। सब्जियों एवं अन्य कुछ प्रमुख खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से खुदरा महंगाई बढ़ी है।
एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई इस बैठक में अपने मौद्रिक रुख को जारी रखेगा जिसमें उदार रुझान को वापस लेने की बात कही गई है।
गोल्डमैन शैक्स ने आठ अगस्त को नीतिगत दर 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखे जाने की संभावना जताई है।
केंद्रीय बैंक ने पिछली बार फरवरी, 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था। उसके बाद से इसने अपनी पिछली सात द्विमासिक मौद्रिक समीक्षाओं में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है।
डीबीएस बैंक की कार्यकारी निदेशक और वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि मजबूत घरेलू वृद्धि और मुद्रास्फीति के मेल को ध्यान में रखते हुए एमपीसी अपने सतर्क दृष्टिकोण को दोहराने और अपने 'उदार रुख को वापस लेने' का रवैया बनाए रख सकती है।
बार्कलेज की क्षेत्रीय अर्थशास्त्री श्रेया सोधानी ने कहा कि वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण और घरेलू मुद्रास्फीति संभावना पर एमपीसी की टिप्पणी इस सप्ताह के अंत में ध्यान केंद्रित करेगी। सोधानी ने कहा, ‘‘हम दिसंबर की एमपीसी बैठक में रेपो दर में कटौती के अपने पूर्वानुमान पर कायम हैं। हालांकि, मुद्रास्फीति आरबीआई की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहती है तो इसमें देरी भी हो सकती है।’’
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि रिजर्व बैंक लगातार आठवीं बार ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला कर सकता है। हालांकि, दूसरी छमाही में अगर ब्याज दर में कटौती होती है तो यह रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए मांग बढ़ाने के लिहाज से उत्साहजनक साबित होगी।
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