मुद्राकोष को इस कठिन समय में वैश्विक वित्तीय ढांचे की स्थिरता बनाये रखने की जरूरत: सीतारमण
अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय समिति (आईएमएफसी) की वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये पूर्ण बैठक में भाग लेते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक समुदाय के एक जिम्मेदार सदस्य होने के नाते भारत अन्य देशों को महत्वपूर्ण दवाएं उपलब्ध करा रहा है।
नयी दिल्ली, 16 अप्रैल भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) को वैसे समय वैश्विक वित्तीय स्थिरता ढांचे को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी के गिरफ्त में है।
अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय समिति (आईएमएफसी) की वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये पूर्ण बैठक में भाग लेते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक समुदाय के एक जिम्मेदार सदस्य होने के नाते भारत अन्य देशों को महत्वपूर्ण दवाएं उपलब्ध करा रहा है।
आईएमएफसी अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की मंत्रीस्तरीय समिति है।
सीतारमण ने प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी की कोराना वायरस के खिलाफ अभियान को लेकर दक्षेस क्षेत्र के लिये आपात कोष गठित करने की पहल के बारे में भी चर्चा की।
उन्होंने इस संकट के समय सदस्य देशों की मदद के लिये आईएमएफ की सराहना की। उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय एजेंसी ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय प्रणाली की स्थिरता बनाये रखने में अहम भूमिका निभायी है और उसे वैश्विक वित्तीय ढांचे के लिये यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहना चाहिए।
बैठक में चर्चा आईएमएफ की प्रबंध निदेशक वैश्विक नीति एजेंडा‘असाधारण समय-असाधारण कदम’ पर आधारित थी।
आईएमएफसी के सदस्यों ने समिति को सदस्य देशों द्वारा कोरोना वायरस महामारी को लेकर उठाये जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी।
सीतारमण ने इस संदर्भ में कहा कि भारत सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिये 2 अरब डॉलर (15,000 करोड़ रुपये) का आबंटन किया है।
उन्होंने इस कठिन समय में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिये के लिये 23 अरब डॉलर (1.70 लाख करोड़ रुपये) के वित्तीय पैकेज, सांवधिक और नियामकीय अनुपालन के मामले में कंपनियों को राहत, मौद्रिक नीति उपाय तथा कर्ज भुगतान में तीन महीने की मोहलत देने का भी जिक्र किया।
आईएमएफसी की बैठक साल में दो बार होती है। एक बार अक्टूबर में आईएमएफ-विश्वबैंक सालाना बैठक और दूसरा अपैल में ‘स्प्रिंग’ बैठक।
इस साल कोरोना वायरस के कारण बैठक वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये हुई।
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