मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा दलित, आदिवासी समुदाय से करवाकर छूआछूत के खिलाफ संदेश दे सकते थे मोदी: गहलोत

अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए यह सुनहरा अवसर था जब वह दलित और आदिवासी समुदाय से प्राण प्रतिष्ठा कराकर छुआछूत के खिलाफ संदेश दे सकते थे।

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जयपुर, 5 जनवरी: अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए यह सुनहरा अवसर था जब वह दलित और आदिवासी समुदाय से प्राण प्रतिष्ठा कराकर छुआछूत के खिलाफ संदेश दे सकते थे. प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होगा.

गहलोत ने कहा कि मोदी के लिए राम मंदिर का उद्घाटन दलित और आदिवासी समुदाय से करवाकर छुआछूत जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ संदेश देने का सुनहरा मौका था और इससे मोदी का मान और बढ़ता. गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'यह मौका था राम मंदिर का वहां प्राण प्रतिष्ठा करवाते ये दलितों से भी, आदिवासियों से भी, ओबीसी से भी सभी धर्मों के लोगों से. शंकराचार्य को आगे रखते. राष्ट्रपति जी आतीं वहां पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद साहब भी दलित वर्ग के हैं.

उनको भी बुला लेते जिन्होंने आंदोलन शुरू किया था लालकृष्ण आडवाणी साहब को मुरली मनोहर जोशी साहब को बुलाते.’’ उन्होंने कहा, 'जिस तरह (प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना महामारी के दौरान) तालियां और थालियां बजाने का आह्वान किया था, उसी तरह उन्हें (मोदी) यह आह्वान करना चाहिए था कि 22 जनवरी के बाद इस देश में कोई छुआछूत नहीं होगी. यह मानवता पर कलंक लगा हुआ है हमारे ऊपर हिन्दुओं पर वो कलंक मैं धो दूंगा.'

गहलोत ने कहा, 'मैं समझता हूं कि ऐसा करने से मोदी की आभा और उनका मान सम्मान बढ़ जाता, सभी जातियों में देश के अंदर, चाहे कोई उनको पसंद करे या नहीं, उनके इस कदम को सब पंसद करते. मैं भी पसंद करता और ज्यादा लोग मोदी भक्त हो जाते आप जाकर प्राण प्रतिष्ठा कर रहे हो अकेले.’’ पूर्व मुख्यमंत्री ने फिर आरोप लगाया कि देश में लोकतंत्र खतरे में है और आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई जैसी प्रमुख एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है.

मंत्रियों को विभाग बांटने में देरी को लेकर भी गहलोत ने भाजपा नेतृत्व पर निशाना साधा. गहलोत ने कहा कि पहली बार विधायक बने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को चीजों को समझने में समय लगेगा. उन्होंने कहा 'उन्हें रिमोट कंट्रोल से चलाया जा रहा है.' उन्होंने कहा, 'मैंने मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं दी थीं. वह पहली बार विधायक बने हैं और मुख्यमंत्री बनना एक बड़ा अवसर है, उनकी पार्टी आलाकमान को उनके साथ न्याय करना चाहिए. जिस तरह से पार्टी उनके साथ व्यवहार कर रही है, उसे रिमोट कंट्रोल से चलाया जा रहा है. मंत्रिपरिषद के गठन में समय लगा और अब विभागों का वितरण नहीं हो पा रहा है.'

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