Mirzapur web Series: फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी के खिलाफ प्राथमिकी रद्द

न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने इस मामले में आरोपियों द्वारा दायर याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया. उन्होंने बताया कि इससे पूर्व, 29 जनवरी, 2021 को अदालत ने रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.

मिर्जापुर पोस्टर (Image Credit: Instagram)

प्रयागराज: उच्च न्यायालय (High Court) ने मिर्जापुर वेब सीरीज (Mirzapur Web Series) के निर्माताओं फरहान अख्तर (Farhan Akhtar) और रितेश सिधवानी (Ritesh Sidhwani) के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी शुक्रवार को रद्द कर दी. मिर्जापुर वेब सीरीज में मिर्जापुर कस्बे की खराब छवि प्रस्तुत कर कथित तौर पर धार्मिक (Religious), सामाजिक (Social) और क्षेत्रीय (Regional) भावना आहत करने के लिए यह प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. Mirzapur के मुन्ना भैय्या उर्फ Divyendu Sharma ने राजनीतिक पार्टियों को लगाई फटकार, ट्वीट कर कही ये बड़ी बात

न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने इस मामले में आरोपियों द्वारा दायर याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया. उन्होंने बताया कि इससे पूर्व, 29 जनवरी, 2021 को अदालत ने रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.

उल्लेखनीय है कि मिर्जापुर वेब सीरीज के निर्माताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए और अन्य धाराओं एवं सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 67-ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई कि प्राथमिकी में लगाए गए सभी आरोपों को सही भी मान लिया जाए तो भी याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता क्योंकि ऐसा कोई आरोप नहीं है कि इस वेब सीरीज का निर्माण किसी खास वर्ग के लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़काने की मंशा से किया गया.

वहीं दूसरी ओर, राज्य सरकार के वकील ने कहा कि इस प्राथमिकी में एक विशेष आरोप यह है कि यह वेब सीरीज प्रथम शिकायतकर्ता की सामाजिक एवं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती है.

पीठ ने संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा, “इस पूरे प्राथमिकी में कहीं यह आरोप नहीं लगाया गया है कि इस सीरीज में कोई भी ऐसी चीज दिखाई गई है जिससे किसी धर्म विशेष की छवि खराब हुई हो और उससे नागरिकों के एक वर्ग की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हो.” अदालत ने कहा, “इस वेब सीरीज से अकेले शिकायतकर्ता की धार्मिक, सामाजिक और क्षेत्रीय भावनाएं आहत हुई हैं ना कि नागरिकों के किसी वर्ग की भावनाएं आहत हुई हैं.”

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\