रक्षा मंत्रालय ने नौसेना के हाथों विकसित पीपीई का पेटेंट कराया, अब होगा उसका बड़े पैमोन पर उत्पादन
नौसेना के बयान में कहा गया है, ‘‘ हाल ही में मुम्बई के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसीन में विकसित इन्नोवेशन सेल में तैनात नौसेना के डाक्टरों ने इस सस्ते पीपीई को विकसित किया है। मुम्बई में नौसेना के डॉकयार्ड में पीपीई के प्रायोगिक खेप का उत्पादन भी किया जा चुका है।’’
नयी दिल्ली, 14 मई नौसेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके द्वारा विकसित सस्ते निजी सुरक्षा उपकरण का रक्षा मंत्रालय ने सफलतापूर्वक पेटेंट करा लिया है जो कोरोना वायरस महामारी के बीच बड़े पैमाने पर उसके उत्पादन की दिशा में एक कदम है।
नौसेना के बयान में कहा गया है, ‘‘ हाल ही में मुम्बई के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसीन में विकसित इन्नोवेशन सेल में तैनात नौसेना के डाक्टरों ने इस सस्ते पीपीई को विकसित किया है। मुम्बई में नौसेना के डॉकयार्ड में पीपीई के प्रायोगिक खेप का उत्पादन भी किया जा चुका है।’’
भारत इस महामारी के प्रारंभ से ही पीपीई की कमी से जूझ रहा है।
बुधवार को अहमदाबाद के एसवीपी अस्पताल के करीब 100 डॉक्टर एवं अर्धचिकित्साकर्मी पीपीई की कमी के मुद्दे पर आकस्मिक हड़ताल पर चले गये थे।
नौसेना ने बताया कि रक्षा मंत्रालय ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले उपक्रम राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी)के साथ मिलकर पेटेंट फाइल किया था।
उसने कहा, ‘‘ भारतीय नौसेना द्वारा विकसित मेडिकल पीपीई का तीव्रता से बड़े पैमाने पर उत्पादन की दिशा में बड़े कदम के तहत रक्षा मंत्रालय के बौद्धिक संपदा सुविधा इकाई ने राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम के साथ मिलकर सफलतापूर्वक पेटेंट फाइल किया।’’
उसने कहा कि उसका पीपीई बाजार में उपलब्ध पीपीई की तुलना में उच्च सुरक्षा एवं अधिक आसानी से सांस लेने की सुविधा प्रदान करता है। इस प्रौद्योगिकी का भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा मान्यताप्राप्त परीक्षण लैब सही ठहरा चुका है।
उसने कहा कि तेजी से इसका बड़े पैमाने पर लाईसेंसयुक्त उत्पादन के लिए एनआरडीसी योग्य कंपनियों की पहचान कर रहा है।
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