देश की खबरें | कोविड संकट, कश्मीर में लोगों पर आतंकी हमलों जैसी घटनाओं से निपटने में व्यस्त रहा गृह मंत्रालय

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केंद्रीय गृह मंत्रालय 2021 में कोविड-19 संकट, जम्मू-कश्मीर में आम लोगों पर आतंकी हमलों से उत्पन्न स्थिति, छत्तीसगढ़ और मणिपुर में सुरक्षाबलों पर घात लगाकर किए गए हमलों जैसी घटनाओं से निपटने में व्यस्त रहा।

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर केंद्रीय गृह मंत्रालय 2021 में कोविड-19 संकट, जम्मू-कश्मीर में आम लोगों पर आतंकी हमलों से उत्पन्न स्थिति, छत्तीसगढ़ और मणिपुर में सुरक्षाबलों पर घात लगाकर किए गए हमलों जैसी घटनाओं से निपटने में व्यस्त रहा।

महामारी की दूसरी भयावह लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए विदेशों से उच्च क्षमता वाले क्रायोजेनिक टैंकर लाने, पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा को लेकर राज्य सरकार के साथ टकराव और प्राकृतिक आपदाओं का खामियाजा भुगतने वाले राज्यों की मदद करने जैसे मुद्दों ने भी गृह मंत्रालय को काफी व्यस्त रखा।

पिछले वर्ष की तरह, 2021 में भी गृह मंत्रालय कोविड-19 रोधी उपायों को विनियमित करने संबंधी नोडल प्राधिकरण रहा जिसने जहां आवश्यक हुआ, वहां प्रतिबंध लगाए और स्थिति में सुधार होने पर इनमें ढील दी।

पूरे वर्ष हर महीने केंद्रीय गृह सचिव कोविड-19 की स्थिति के आधार पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को महामारी संबंधी दिशानिर्देश जारी करते रहे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महामारी की दूसरी लहर और इस दौरान चिकित्सीय ऑक्सीजन की कमी के बीच भारत के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में प्राणवायु पहुंचाने के लिए सिंगापुर तथा संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों से उच्च क्षमता वाले क्रायोजेनिक टैंकर आयात करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

शाह ने स्थिति से निपटने के लिए राज्यों की सहायता करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनसे बंद पड़े ऑक्सीजन संयंत्र फिर शुरू करने को भी कहा।

केंद्रीय गृह मंत्रालय का काम तब और बढ़ गया जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने आम लोगों और पुलिसकर्मियों पर कई हमले किए। शाह ने अक्टूबर में आतंकी हमलों में आम लोगों के मारे जाने की घटनाओं के बीच जम्मू कश्मीर का दौरा भी किया।

देश को छत्तीसगढ़ में अप्रैल में नक्सलियों द्वारा 22 सुरक्षाकर्मियों और मणिपुर में 14 नवंबर को नगा विद्रोहियों द्वारा एक कर्नल, उनकी पत्नी, बेटे और चार सुरक्षाकर्मियों की हत्या किए जाने की घटनाएं भी देखनी पड़ीं।

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच मई में तब एक और कड़वाहट शुरू हो गई जब गृह मंत्रालय ने राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को केंद्र सरकार में सेवा करने के लिए बुलाया, क्योंकि वह 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में चक्रवात 'यास' पर हुई एक समीक्षा बैठक में अनुपस्थित रहे थे।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से संबंधित राजनीतिक हिंसा को लेकर भी अप्रैल-मई में केंद्र और राज्य सरकार के बीच कड़वाहट दिखी।

गृह मंत्रालय और गृह मंत्री जुलाई में असम-मिजोरम सीमा पर संघर्ष के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने में भी व्यस्त रहे। इस संघर्ष में असम पुलिस के छह जवान मारे गए थे और जिला पुलिस अधीक्षक सहित 50 अन्य घायल हो गए थे।

इस साल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा सितंबर में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में गाड़ी से कुचलकर चार प्रदर्शनकारी किसानों के मारे जाने की घटना में अपने बेटे आशीष के कथित रूप से शामिल होने के बाद से विपक्ष के हमले का सामना करते रहे।

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