देश की खबरें | यति के खिलाफ मुरादाबाद, बहराइच, अलीगढ़ में दिया गया राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन, कार्रवाई की मांग

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ डासना मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद के कथित आपत्तिजनक बयान के विरोध में चल रहे देशव्यापी आंदोलन के बीच सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, बहराइच और अलीगढ़ में जनप्रतिनिधियों, धार्मिक संगठनों और छात्रों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की।

लखनऊ/मुरादाबाद/बहराइच/अलीगढ़, (उप्र) सात अक्टूबर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ डासना मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद के कथित आपत्तिजनक बयान के विरोध में चल रहे देशव्यापी आंदोलन के बीच सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, बहराइच और अलीगढ़ में जनप्रतिनिधियों, धार्मिक संगठनों और छात्रों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के सैकड़ों छात्रों ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा हाल ही में की गयी टिप्पणियों के खिलाफ विश्वविद्यालय में विरोध मार्च निकाला। इस बीच मेरठ और एटा समेत कई जिलों में मामले को लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया और यति नरसिंहानंद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मेरठ में यति के समर्थन में भी हिंदू संगठनों ने आज कमिश्नरी चौराहे से डीएम कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला।

मुरादाबाद संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य रुचि वीरा ने पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए विवादित बयान के लिए डासना मंदिर के मुख्य पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और पूछा कि योगी (आदित्यनाथ) सरकार का अपराध के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति कहां है।

नगर मजिस्ट्रेट किंशुक श्रीवास्तव ने बताया कि मुरादाबाद की सांसद रुचि वीरा सोमवार को अपने समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचीं और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

रुचि ने कहा, "घृणास्पद बयान देने वाले महंत के खिलाफ कत्तई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के तहत योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर न्याय क्यों नहीं लागू किया गया।"

महंत के बयान को लेकर जगह-जगह हुई पथराव की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने लोगों से कानून हाथ में न लेने की अपील की और कहा कि सभी को संयम बरतना चाहिए।

उन्होंने कहा, "चूंकि भारत गंगा-जमुनी तहजीब वाला देश है, इसलिए हमें भाईचारे के साथ रहना चाहिए।"

बहराइच से मिली खबर के अनुसार यहां जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सदस्यों ने नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ कठोर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है।

जमीयत की बहराइच इकाई के अध्यक्ष अध्यक्ष कारी जुबेर के नेतृत्व में सोमवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी मोनिका रानी के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा।

पत्रकारों से बात करते हुए कारी जुबेर ने कहा कि राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में लिखा है, "जमीयत उलेमा बहराइच (इकाई) को सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला है कि यति नरसिंहानंद का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से अपमानजनक बातें कही हैं। वीडियो में उन्होंने पैगंबर मोहम्मद जैसे महान व्यक्तित्व के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया है, जिन्होंने दुनिया भर में मानवता, सहानुभूति, प्रेम, सद्भाव और शांति का प्रचार किया।"

उन्होंने कहा, ''नरसिंहानंद ने इस्लाम को बदनाम करने की घिनौनी साजिश रची है, जिससे मुस्लिम समुदाय में गहरा आक्रोश है। यह याद रखना चाहिए कि इस्लाम और पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ जरा सा भी अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।''

ज्ञापन के जरिये यह मांग की गयी है कि भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत यति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए।

गाजियाबाद के डासना मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद ने पिछली 29 सितंबर को गाजियाबाद के हिंदी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के सैकड़ों छात्रों ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा हाल ही में की गई ईशनिंदा वाली टिप्पणियों के खिलाफ विश्वविद्यालय में विरोध मार्च निकाला।

प्रदर्शनकारियों ने परिसर के अंदर से मार्च निकाला और सर सैयद गेट तक मार्च किया और राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा।

ज्ञापन में कहा गया है कि नरसिंहानंद सरस्वती ने अपने नफरत भरे भाषणों से देश में बार-बार सांप्रदायिक भावनाएं भड़काई हैं, लेकिन कानून प्रवर्तन सेवाएं इस व्यक्ति के खिलाफ अनुकरणीय कार्रवाई करने में विफल रही हैं और उसे मुसलमानों के खिलाफ अपनी तीखी आलोचना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया है।

ज्ञापन में कड़े प्रावधानों के तहत उनकी तत्काल गिरफ्तारी की मांग की गई है, ताकि देश की शांति भंग न हो।

छात्रों ने भारत के प्रधान न्यायाधीश को संबोधित एक अलग ज्ञापन में उनसे इस घटना का संज्ञान लेने का आग्रह किया है, क्योंकि यह गंभीर उकसावे और शांति और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा है।

प्रदर्शनकारियों ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत भी दर्ज कराई। पुराने शहर में कई जगहों पर इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए और कोतवाली थाने में भी शिकायत दर्ज कराई गई।

पुलिस क्षेत्राधिकारी-प्रथम (सीओ) अभय कुमार पांडेय ने ‘पीटीआई—’ को बताया कि ऐसी सभी शिकायतों को शून्य प्राथमिकी के जरिए गाजियाबाद भेजा जा रहा है, क्योंकि घटना वहीं हुई थी।

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