देश की खबरें | केरल में संविधान के खिलाफ मंत्री के कथित बयान को लेकर माकपा नेताओं की बैठक

तिरुवनंतपुरम, छह जुलाई संविधान के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर केरल के सांस्कृतिक मामलों और मत्स्य पालन मंत्री साजी चेरियन के इस्तीफे के लिए विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के शीर्ष नेताओं ने स्थिति का जायजा लेने के वास्ते बुधवार को यहां एकेजी केंद्र में बैठक की।

पार्टी मुख्यालय में आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन समेत माकपा के राज्य सचिव कोडियेरी बालाकृष्णन और चेरियन समेत अन्य शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया।

बैठक के बाद बाहर निकलते हुए चेरियन ने खुद के इस्तीफा देने के सवाल के जवाब में कहा, ‘‘क्यों, मैं इस्तीफा क्यों दूं?’’

चेरियन ने संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा, ‘‘क्या समस्या है? कल जो मुझे कहना था, मैंने पहले ही कह दिया है।’’

इससे पहले केरल विधानसभा सत्र की कार्यवाही को दिन के लिए उस समय स्थगित कर दिया गया जब कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा(यूडीएफ) ने चेरियन के इस्तीफे की मांग को लेकर सदन में हंगामा किया।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीसन ने चेरियन की टिप्पणी के लिए उन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह न केवल संविधान और देश का अपमान है, बल्कि डॉ. बी. आर. आंबेडकर का भी अपमान है, जिन्होंने संविधान का मसौदा तैयार करने वाली प्रारूप समिति की अध्यक्षता की थी।

कुछ टेलीविजन चैनलों की ओर से जारी वीडियो फुटेज में चेरियन को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि देश का संविधान ‘शोषण की अनदेखी करता है’ और इसे इस रूप में लिखा गया है कि यह देश के लोगों को ‘लूटने’ में मदद करता है।

चेरियन के इस बयान को लेकर काफी विवाद हो रहा है और विपक्षी दलों ने उनके इस्तीफे की मांग की है।

चेरियन ने कहा था कि पथानमथिट्टा जिले के मल्लापल्ली में एक कार्यक्रम में दिए गए उनके इस बयान को टीवी चैनलों ने बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया है।

उन्होंने कहा था, ‘‘मैं एक लोक सेवक हूं जो हमारे संविधान का सम्मान करता है और इसके महान मूल्यों को बनाए रखता है। मेरा कभी भी संविधान का अपमान करने या इसके खिलाफ कुछ भी कहने का इरादा नहीं था।’’

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