देश की खबरें | मातृ मृत्यु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए, औषधि नियंत्रक निलंबित
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बेंगलुरु, 30 नवंबर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बल्लारी जिले में हाल ही में हुई मातृ मृत्यु को गंभीरता से लेते हुए शनिवार को राज्य के विभिन्न अस्पतालों में ऐसी घटनाओं की जांच करने समेत औषधि नियंत्रक को निलंबित करने के आदेश दिए। उन्होंने पीड़ित परिवारों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की।
इस चिंता के बीच कि मातृ मृत्यु का संबंध घटिया ‘रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन’ से हो सकता है, उन्होंने औषधि नियंत्रक को निलंबित करने और सॉल्यूशन की आपूर्ति करने वाली पश्चिम बंगा फार्मास्युटिकल लिमिटेड को काली सूची में डालने का आदेश दिया। इसके साथ ही उन्होंने कंपनी पर मुकदमा चलाने का भी आदेश दिया।
यह सॉल्यूशन शरीर में जलयोजन और तरल पदार्थ के संतुलन को बहाल करने के लिए शिराओं के जरिये शरीर में चढ़ाया जाता है।
मुख्यमंत्री ने आज बल्लारी में मातृ मृत्यु को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। जिले में इस माह चार महिलाओं की मौत हो चुकी है।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘मैंने औषधि नियंत्रक को तुरंत निलंबित करने के लिए कहा है। मैंने पश्चिम बंगा फार्मास्युटिकल लिमिटेड को काली सूची में डालने और उस पर मुकदमा चलाने का निर्देश दिया है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कंपनी पीड़ितों को मुआवजा दे।’’
बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने पीड़ितों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने विभागीय जांच के लिए कर्नाटक राज्य चिकित्सा आपूर्ति निगम लिमिटेड (केएसएमएससीएल) के प्रबंध निदेशक (एमडी) को नोटिस जारी करने का भी निर्देश दिया है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में ऐसी मौतों की जांच के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति बनाने का भी निर्णय लिया गया है। समिति को सात दिनों में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।’’
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि 9 से 11 नवंबर के बीच बल्लारी जिला अस्पताल से मातृ मृत्यु में अचानक वृद्धि की सूचना मिली थी। बताया गया है कि ये मौतें अस्पताल में ‘सिजेरियन ऑपरेशन’ के बाद हुई थीं।
उन तीन दिनों में किए गए 34 सीज़ेरियन ऑपरेशनों में से सात मामलों में जटिलताएँ विकसित हुईं।
उन्होंने कहा कि जिन सात मरीजों में गुर्दे को गंभीर क्षति पहुंचने के कारण ‘हेमोडायलिसिस’ समेत कई अंगों के ठीक से काम नहीं करने जैसी जटिलताएं उत्पन्न हुईं, उनमें से चार की मृत्यु हो गई। उन्होंने कहा कि दो को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और एक मरीज का बल्लारी स्थित विजयनगर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (वीआईएमएस) का इलाज किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौतों की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है और घटनाओं से संबंधित प्रारंभिक रिपोर्ट प्राप्त की गई है।
उन्होंने कहा, ‘रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन’ के सभी बैच वापस ले लिए गए हैं और बल्लारी जिला अस्पताल में इस्तेमाल किए गए सॉल्यूशन को परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु मॉडल के आधार पर दवाओं की खरीद प्रक्रिया और औषधि नियंत्रण विभाग के पुनर्गठन के संबंध में अगली कैबिनेट बैठक में एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया गया है।
अधिकारियों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने उन्हें भविष्य में ऐसी घटनाएं होने से रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया और उनसे कहा कि प्रयोगशाला की रिपोर्ट आने के बाद घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों की पहचान करके कार्रवाई की जानी चाहिए।
इससे पहले दिन में, स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि एहतियात के तौर पर सभी सरकारी अस्पतालों में ‘रिंगर लैक्टेट सॉल्यूशन’ का उपयोग निलंबित कर दिया गया है।
सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली सरकार पर वास्तविक मातृ मृत्यु के आंकड़ों को ‘छिपाने’ का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने आज मंत्री राव के खिलाफ जांच और कार्रवाई करने की मांग की।
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