देश की खबरें | खुद को खोया हुआ बेटा बताकर कई परिवारों के साथ रहे व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. गाजियाबाद पुलिस ने खुद को वर्षों पहले खोया हुआ बेटा बताकर कई परिवारों के साथ रहने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

गाजियाबाद (उप्र), छह दिसंबर गाजियाबाद पुलिस ने खुद को वर्षों पहले खोया हुआ बेटा बताकर कई परिवारों के साथ रहने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

सहायक पुलिस आयुक्त निमिश पाटिल ने कहा कि आरोपी की पहचान इंद्रराज के रूप में हुई है और गहन पूछताछ के बाद उसका आपराधिक इतिहास सामने आने पर उसे हिरासत में ले लिया गया।

घटना 24 नवंबर, 2024 को हुई जब आरोपी ने अपना नाम राजू बताते हुए गाजियाबाद में खोड़ा पुलिस थाने से संपर्क किया और दावा किया कि 30 साल पहले उसका अपहरण करके राजस्थान के जैसलमेर में बंधक बनाकर रखा गया।

आरोपी ने पुलिस को बताया था कि वह किसी तरह बच निकला और एक ट्रक में यात्रा करके दिल्ली पहुंचा। आरोपी के अनुसार पहचान का सत्यापन करने के लिए पुलिस ने सोशल मीडिया, अखबारों और अन्य माध्यमों से उसकी फोटो जारी की थी।

इस दौरान, गाजियाबाद के शहीदनगर के निवासी तुलाराम ने आरोपी को अपने खोये हुए बेटे भीम सिंह उर्फ पन्नू के रूप में पहचाना, जिसके बाद खोड़ा पुलिस ने व्यक्ति को तुलाराम को सौंप दिया।

हालांकि, तुलाराम को आरोपी के व्यवहार पर शक हुआ क्योंकि उसका व्यवहार उसके खोये हुए बेटे जैसा नहीं था। 27 नवंबर को तुलाराम ने साहिबाबाद पुलिस से संपर्क किया और बताया कि जो व्यक्ति पिछले पांच दिन से उसके परिवार के साथ रह रहा है, वह उसका बेटा नहीं हो सकता।

उन्होंने बताया कि गहन पूछताछ के दौरान वह अपनी पुरानी कहानी दोहराता रहा, लेकिन अंततः उसने सच्चाई बयां कर दी और अपनी सही पहचान राजस्थान के जैतसर के निवासी इंद्रराज के रूप में बताई।

इंद्रराज ने बताया कि वह कम उम्र से ही मामूली चोरी के मामलों में शामिल था जिसकी वजह से 2005 में उसके घरवालों ने उसे घर से निकाल दिया।

उसने विभिन्न नामों से इस तरह का फर्जीवाड़ा करके घरों से चोरी की और देहरादून, दिल्ली और राजस्थान में विभिन्न स्थानों पर फर्जी गतिविधियों में शामिल था और खुद को खोया हुआ बताकर कई परिवारों के साथ रहा।

इंद्रराज दिल्ली आने से चार महीने पहले देहरादून में आशा शर्मा नामक का बेटा बनकर उनके घर रहा था। वह देश के विभिन्न हिस्सों में पंकज कुमार और राम प्रताप नाम से भी रहा है।

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