ठाणे, दो अप्रैल महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने दुष्कर्म के प्रयास का विरोध करने पर एक महिला की चाकू घोंपकर हत्या करने के मामले में एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अभय एन सिरसिकर ने आरोपी बाबू उर्फ समीर गोपाल गोगावले (29) को भारतीय दंड संहिता की धारा 452 (जबरन घर में घुसना), 302 (हत्या) और अन्य प्रासंगिक धाराओं में दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अदालत की ओर से 30 मार्च को पारित आदेश में आरोपी पर 3,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
अतिरिक्त लोक अभियोजक रश्मी क्षीरसागर ने अदालत को बताया कि पीड़िता लता उर्फ राखी राहुल शेजवाल अपने पति और दो बेटों के साथ ठाणे शहर के कोपरी इलाके में रहती थी।
अभियोजक ने बताया कि दो अक्टूबर 2016 को जब महिला के पति और बच्चे बाहर थे तो आरोपी उनके घर में घुसा और दुष्कर्म करने की कोशिश की। जब महिला ने विरोध किया तो आरोपी ने चाकू घोंपकर उसकी हत्या कर दी।
जब महिला का पति बाद में घर पहुंचा तो उसे वह मृत मिली।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी के सीने और हाथ पर खरोंचे जाने के घाव थे, जिससे पता चलता है कि उसने महिला के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया था और विरोध करने पर वह घायल हो गया था।
आदेश में कहा, ‘‘ अपराध के मकसद के बारे में प्रत्यक्ष सबूत नहीं हो सकता। मकसद का अनुमान मामले के तथ्यों और परिस्थितियों से लगाया जाना चाहिए। आरोपी को लगी चोटों को ध्यान में रखते हुए, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि वह महिला के साथ दुष्कर्म करने के इरादे से घर में जबरन घुसा और महिला के विरोध करने पर उसने उसकी हत्या कर दी।’’
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