देश की खबरें | महाराष्ट्र सरकार स्थानीय निकायों की सभी सीटों पर मतदान के लिए हलफनामा दाखिल करेगी: भुजबल
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. महाराष्ट्र सरकार उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर 21 दिसंबर को प्रस्तावित स्थानीय निकायों की सभी सीटों पर या तो मतदान की अनुमति देने या इसे पूरी तरह स्थगित करने का अनुरोध करेगी। राज्य के कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने यह बयान ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण वाली सीटों पर मतदान पर रोक लगाने के शीर्ष अदालत के आदेश के दो दिन बाद बुधवार को दिया।
मुंबई, आठ दिसंबर महाराष्ट्र सरकार उच्चतम न्यायालय में एक हलफनामा दायर कर 21 दिसंबर को प्रस्तावित स्थानीय निकायों की सभी सीटों पर या तो मतदान की अनुमति देने या इसे पूरी तरह स्थगित करने का अनुरोध करेगी। राज्य के कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने यह बयान ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण वाली सीटों पर मतदान पर रोक लगाने के शीर्ष अदालत के आदेश के दो दिन बाद बुधवार को दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शीर्ष अदालत से सभी सीटों पर चुनाव की अनुमति देने का अनुरोध करेगी और अगले छह-आठ महीनों में अनुभूतिमूलक डेटा न्यायालय में दाखिल किया जाएगा।
शीर्ष अदालत ने सोमवार को अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित सीटों को छोड़कर अन्य सीटों के लिए चुनाव प्रक्रिया जारी रहेगी।
शीर्ष अदालत ने दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया था जिसमें संबंधित स्थानीय निकायों में पूरे महाराष्ट्र में ओबीसी के लिए समान रूप से 27 प्रतिशत तक आरक्षण की अनुमति देने वाले अध्यादेश को चुनौती देने वाली एक याचिका भी शामिल है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्त्ति मंत्री ने कैबिनेट की बैठक के बाद अलग से पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार शीर्ष अदालत में हलफनामा दायर करके टुकड़ों में चुनाव नहीं कराने का अनुरोध करेगी।
राकांपा के प्रमुख ओबीसी नेता भुजबल ने यह भी कहा कि राज्य सरकार मुकुल रोहतगी जैसे वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेगी और कहा कि वह बुधवार शाम को दिल्ली में एक बैठक में भाग लेंगे।
शीर्ष अदालत के आदेश के आलोक में, महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को छोड़कर सभी सीटों पर जिला पंचायतों और पंचायत समितियों के चुनाव 21 दिसंबर को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होंगे।
कुल 1,200 सीटों में से ओबीसी के लिए आरक्षित 400 से अधिक सीटों को अब शीर्ष अदालत के अगले आदेश का इंतजार करना होगा।
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