देश की खबरें | मद्रास उच्च न्यायालय का मेडिकल छात्रा की ट्यूशन फीस पर एनआईए के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. मद्रास उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है, जिसके आधार पर यहां एक निजी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली मेडिकल छात्रा को दी जाने वाली ट्यूशन फीस की राशि को ‘फ्रीज’ कर दिया गया था।

चेन्नई, 10 दिसंबर मद्रास उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है, जिसके आधार पर यहां एक निजी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली मेडिकल छात्रा को दी जाने वाली ट्यूशन फीस की राशि को ‘फ्रीज’ कर दिया गया था।

एनआईए ने दावा किया था कि ट्यूशन फीस झारखंड में सक्रिय एक माओवादी संगठन द्वारा दी गई थी।

न्यायमूर्ति एस. एम. सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति एम. ज्योतिरामन की खंडपीठ ने एनआईए के आदेश को चुनौती देने वाली छात्रा की याचिका को खारिज कर दिया।

सोमवार को जब मामला सुनवाई के लिए आया तो मेडिकल छात्रा की ओर से दलील दी गई कि कॉलेज प्रशासन याचिकाकर्ता को प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार कर रहा है, क्योंकि ट्यूशन फीस पर रोक लगा दी गई है और एनआईए ने उसे इस मामले में पेश होने के लिए बुलाया है।

दलीलें स्वीकार करने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा कि वह एनआईए द्वारा पारित आदेश में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

पीठ ने कहा कि वह एनआईए के समक्ष उपस्थित होकर स्पष्टीकरण दे सकती हैं तथा ट्यूशन फीस पर रोक हटाने का अनुरोध कर सकती हैं।

पीठ ने पूछा, ‘‘इस बात की क्या गारंटी है कि पढ़ने में अच्छा छात्र किसी चरमपंथी समूह में शामिल नहीं होगा?’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\